अब देश की 8.54 लाख पंजीकृत सहकारी समितियां भी गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल से खरीदारी कर सकेंगी। बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने इसकी मंजूरी दे दी। अभी यह तय होना है कि समितियां कब से खरीदारी शुरू करेंगी। इससे सहकारी समितियों में होने वाली खरीदारी में पारदर्शिता आएगी और जीईएम पोर्टल पर सामान और सेवा की बिक्री करने वाले उद्यमियों को इसका लाभ मिलेगा। सहकारी समितियां अपने सदस्यों के लिए खरीदारी का काम करती हैं और 8.54 लाख पंजीकृत सहकारी समितियों के 27 करोड़ सदस्य हैं।
ऐसे में सरकार के इस फैसले से इन सभी 27 करोड़ सदस्यों को फायदा मिलेगा। जीईएम पोर्टल पर कौन सी वस्तु किस दाम पर खरीदी गई, इसकी जानकारी सभी को मिल सकती है। वहीं बड़ी संख्या में खरीदारी होने से विक्रेताओं के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिससे खरीद कीमत कम हो जाएगी।
कैबिनेट का फैसला
- 8.54 लाख पंजीकृत समितियों के 27 करोड़ सदस्यों को मिलेगा सस्ता सामान
- पोर्टल पर सामान और सेवा की बिक्री करने वाले छोटे उद्यमियों को मिलेगा लाभ
- फिलहाल सरकारी एजेंसियां या विभाग ही कर सकते हैं इस पोर्टल से खरीदारी
पोर्टल को बढ़ानी होगी क्षमता
अभी जीईएम पोर्टल पर 40 लाख से अधिक विक्रेता हैं और इनमें से अधिकतर विक्रेता एमएसएमई हैं। सहकारी समितियों को खरीदारी के लिए पोर्टल को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। यह भी माना जा रहा है कि पोर्टल से खरीदारी के लिए सहकारी समितियों को कुछ शुल्क देना पड़े। हालांकि, इसका निर्धारण वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय आपस में मिलकर करेंगे। सहकारी समितियों को खरीदार बनाने के लिए जीईएम पोर्टल को सामान डिलिवरी से लेकर कई चीजों की नए सिरे से व्यवस्था करनी होगी। इसलिए शुरुआत में पायलट स्तर पर खरीदारी की शुरुआत की जा सकती है।
क्या है जीईएम पोर्टल
जीईएम पोर्टल एक सरकारी ई-कामर्स प्लेटफार्म है। जहां पर अब तक सिर्फ सरकारी एजेंसियां या विभाग ही खरीदारी कर सकते हैं। हालांकि पोर्टल पर बिक्री का काम कोई भी निजी या सरकारी कंपनी कर सकती है। इसके लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है।