कोटवा स्थित कोविड अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाना इलाहाबाद विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (ऑक्टा) के महासचिव और इविंग क्रिश्चियन कॉलेज (ईसीसी) के अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उमेश प्रताप सिंह को भारी पड़ गया। सीएमओ मेजर डॉ. जीएस वाजपेई के निर्देश पर अफवाह फैलाने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में प्रोफेसर के खिलाफ सराय इनायत थाने में मुकदमा लिखाया गया है।
कोविड अस्पताल में बदइंतजामी का लगाया था आरोप
ऑक्टा महासचिव ने मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर कोविड अस्पताल में बदइंतजामी का आरोप लगाया। उन्होंने कोरोना संक्रमित इविवि के लाइब्रेरियन का जिक्र करते हुए लिखा कि उन्होंने फोन पर उनसे बताया कि अस्पताल में कोई दवा नहीं दी जाती है। मरीजों को केवल काढ़ा पिलाया जाता है। शौचालय की स्थिति भी काफी खराब है। आरोप लगाया कि सफाई कर्मचारी ही नर्स और डॉक्टर की भूमिका में रहता है। डॉक्टर और नर्स 15 फीट दूर से सारे निर्देश देते हैं। कोई जांच में कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो उस व्यक्ति को सरकारी अधिकारी ऐसे फोन करते हैं जैसे वह बहुत बड़ा अपराधी हो। उसे अस्पताल ले जाने के लिए घर पहुंची एम्बुलेंस कैदी वाहन की तरह दिखती है। उसके कर्मचारी ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे किसी माफिया को पकड़ कर ले जा रहे हों। आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक ने लूट मचा रखी है।
कोविड अस्पताल कोटवा प्रभारी की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
लाइब्रेरियन ने भी अस्पताल से कुछ ही देर में एक वीडियो वायरल किया। वीडियो में उन्होंने बताया कि यह सब अफवाह है। ऑक्टा महासचिव उन्हेंं बदनाम करने की नीयत से ऐसा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई की मांग भी की। सीएमओ मेजर डॉ. जीएस वाजपेई ने अफवाह फैलाने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में डॉ. उमेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया। कोटवा सीएचसी प्रभारी डॉ. अमृत लाल यादव की तहरीर पर उनके खिलाफ देर रात सराय इनायत थाने में मुकदमा दर्ज हो गया।