दर्जनों अफगान महिला कार्यकर्ताओं ने रविवार को अफगानिस्तान में राजनीतिक भागीदारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। टोलो न्यूज ने बताया कि इन महिलाओं ने तालिबान की कार्यवाहक सरकार में महिला प्रतिनिधित्व की मांग की और कहा कि वो तब तक प्रदर्शन करती रहेंगी जब तक कि नई सरकार में उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो जाती।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘आज 10 अक्टूबर को अफगान महिलाओं के साथ विश्व महिला एकजुटता दिवस है और 100 से अधिक देशों की महिलाएं अफगान महिलाओं के समर्थन में विरोध प्रदर्शन में सहयोग दे रही हैं। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘तालिबान बार-बार दावा करता है कि उनकी सरकार में महिलाओं को शिक्षा, काम और राजनीतिक भागीदारी का अधिकार है लेकिन उन्हें इसे व्यवहार में भी दिखाना चाहिए।’
तालिबान महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का वादा करते हुए दुनिया के सामने एक अच्छी छवि पेश करने की लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन अफगानिस्तान की जमीनी स्थिति से पता चलता है कि ये सब तालिबान के शब्द मात्र हैं। विरोध के दौरान एक पूर्व सरकारी कर्मचारी ने भी तालिबान से निराशा व्यक्त की और कहा कि अगर महिलाओं को निर्णय लेने में शामिल नहीं किया गया तो समूह द्वारा बनाई गई सरकार गिर जाएगी।
जैसा कि तालिबान ने 20 वर्षों के बाद एक बार फिर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि समूह के शासन के तहत अफगान महिलाओं को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ सकता है। पझवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले अनुभवी महिला अधिकार कार्यकर्ता महबूबा सिराज ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धग्रस्त राष्ट्र में बिगड़ती स्थिति के बीच अफगान महिलाओं का पूरा समर्थन करने का आग्रह किया था।