भारतीय थल सेना ने अपनी ही एक मिनी एयरफोर्स की मांग दोबार उठाई है। सेना को अपनी छोटी एयरफोर्स में तीन हेवी ड्यूटी हेलीकॉप्टरों की मां की है। इंडियन आर्मी 11 अपाचे हेलीकॉप्टरों को खरीदने की योजना बना रही है। वहीं सेना की इस मांम को लेकर रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आगामी शनिवार को बैठक होगी। बता दें वायु सेना ने हाल ही में 22 अपाचे हेलीकॉप्टों की खरीद की थी जिनकी डिलिवरी 2019 से शुरू होगी। इन हेलीकॉप्टरों को सेना भी अपने अधीन लाना चाहती है जबकि एयरफोर्स को इस पर एतराज है। टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट की खबर के मुताबिक आर्मी का दावा है कि हेलीकॉप्टर मिलने से, युद्ध के समय थलसेना की मदद बेहतर स्थिति में होंगी क्योंकि वे जमीनी युद्ध को एयरफोर्स से बेहतर समझते हैं।

खबर के मुताबिक वायु सेना का पक्ष है कि उसके अधीन सभी अटैक और मध्य लिफ्ट वाले हेलीकॉटर होने चाहिए, क्योंकि सेना को अधिकार देने से प्रॉजेक्ट्स या मिशन की कीमत मंहगी हो सकती है। बता दें इससे पहले यूपीए सरकार ने हेलीकॉप्टरों की खीचातानी को लेकर फैसला दिया था कि सभी खरीदे गए 22 हेलीकॉप्टर वायु सेना के पास ही जाएंगे। वहीं खबर के मुताबिक सेना एक अधिकारी ने इस मामले पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आर्मी एविएशन कॉर्प को 1986 में बनाया गया था, जिसके पास लगभग 250 से ज्यादा चेतक/चीताह लाइट हेलीकॉप्टर और ध्रुव एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर हैं। अधिकारी के मुताबिक, ऐसे में आर्मी एविएशन कॉर्प को अटैक हेलीकॉप्टर भी मिलने चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना अपने हेलिकॉप्टर बेड़े के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है।वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय सेना अमेरिकी अपाचे 64D हमले के हेलिकॉप्टरों का नवीनतम संस्करण खरीदना चाहती है। सेना 39 हैलीकॉप्टरों को खरीदना चाहती है और इनकी कीमत 12 हजार करोड़ से ज्यादा की होगी। खरीद के लिए हेलिकॉप्टरों को 10 के तीन स्क्वाड्रनों में बांटा जाएगा।
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