अगर कांग्रेस नगर निकाय चुनाव अकेले लड़े, तो हैरानी नहीं होगी, पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा बयान

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य में निकाय चुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा- अगर कांग्रेस नगर निकाय चुनाव अकेले लड़े, तो हैरानी नहीं होगी। उनकी ये प्रतिक्रिया उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने के कुछ दिनों बाद आई है। जिससे राज्य में महा विकास अघाड़ी के भविष्य पर सवाल जरूर खड़ा हो रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि अगर कांग्रेस मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में होने वाले आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला करती है, तो उन्हें इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मुख्य प्राथमिकता ‘इंडिया’ गठबंधन है, जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं। लेकिन अगर ये दल किसी ऐसे पार्टी से गठबंधन करते हैं, जिसकी विचारधारा कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष सोच और संविधान के सिद्धांतों से मेल नहीं खाती, तो कांग्रेस उसे स्वीकार नहीं करेगी।

‘पार्टी की समिति करेगी अंतिम फैसला’
उन्होंने बताया कि दिल्ली में कांग्रेस की हालिया बैठक में स्थानीय चुनावों को लेकर विचार हुआ और इस पर अंतिम फैसला पार्टी की समिति करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘हमने पहले भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव मिलकर लड़े हैं, लेकिन स्थानीय चुनाव अलग-अलग लड़े हैं। इसलिए अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े, तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।’

मराठी भाषा विवाद और कानून-व्यवस्था पर हमला
महाराष्ट्र में राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के कार्यकर्ताओं की तरफ से गैर-मराठी बोलने वालों पर हमले के मामलों पर प्रतिक्रिया देते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कानून अपने हाथ में लेना गलत है और सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार कमजोर और बंटी हुई दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा, मंत्री अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं, और कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं है।’

उन्होंने केंद्र की ‘एक राष्ट्र, एक भाषा’ नीति की आलोचना करते हुए कहा, ‘ये विचारधारा हिटलर के जर्मनी से आई है, जो देश में एक भाषा, एक धर्म और एक चुनाव थोपने की कोशिश कर रही है।’ पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि महाराष्ट्र के लोगों ने हिंदी भाषा को कक्षा 1 से अनिवार्य करने के फैसले का विरोध किया, क्योंकि छोटे बच्चों पर तीन भाषाएं थोपना सही नहीं है। शिक्षकों और किताबों की भी कमी है। विरोध के बाद राज्य सरकार को यह नीति वापस लेनी पड़ी।

उद्धव और राज ठाकरे के साथ आने पर क्या बोले?
जब उनसे शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एमएनएस के हालिया संयुक्त रैली पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अगर दो भाई मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ते हैं, तो उसका स्वागत है। लेकिन अब जश्न मनाना ठीक है, पर कानून अपने हाथ में लेना स्वीकार नहीं है।’

भड़काऊ बयान पर भी किया हमला
वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के विवादास्पद बयान- ‘कुत्ता भी अपने घर में शेर होता है’- पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि केंद्र के गृहमंत्री अमित शाह को ऐसे बयानों पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन वह अपने एजेंडे में व्यस्त हैं।

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