सरकार के साढे चार साल पूरे होने पर पर एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला। अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है कि चौवन गुज़रे, छह महीने बचे इस दंभी सरकार के किसान, ग़रीब, महिला व युवा पर अत्याचार के बेरोज़गारी, महंगाई, नफ़रत व ठप्प कारोबार के बहकावे, फुसलावेवाली, जुमलेबाज़ सरकार के नहीं चाहिए ऐसी सरकार, जिसका सच है: ठगका साथ, ठगका विकास, ठगका विश्वास, ठगका प्रयास।

भाजपा राज में जनता कई तरह की समस्याओं से त्रस्त
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में उत्तर प्रदेश की जनता कोरोना महामारी, श्रमिक पलायन और बढ़ती बेरोजगारी का बुरी तरह शिकार रही है। मंहगाई, बिजली संकट और चिकित्सा क्षेत्र की बदहाली से लोग त्रस्त हैं। जनसामान्य को इन परेशानियों से रोजाना जूझना पड़ रहा है, लेकिन भाजपा सरकार को इसकी कतई चिंता नहीं है। भाजपा झूठे वादों से भ्रमित करती है और साजिशन जनहित से इतर मुद्दों को हवा देती है।
चौवन गुज़रे, छह महीने बचे इस दंभी सरकार के किसान, ग़रीब, महिला व युवा पर अत्याचार के बेरोज़गारी, महंगाई, नफ़रत व ठप्प कारोबार के बहकावे, फुसलावेवाली, जुमलेबाज़ सरकार के
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2021
नहीं चाहिए ऐसी सरकार, जिसका सच है:
ठगका साथ, ठगका विकास, ठगका विश्वास, ठगका प्रयास#झूठ_का_फूल
अखिलेश यादव की ओर से जारी एक बयान में कहा कि भाजपा के राजनीतिक स्वार्थसाधन का एजेंडा वैक्सीनेशन को भी ‘इवेंट’ बना देना है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन को ‘विकास उत्सव’ बनाकर भाजपा कौन संदेश देना चाहती है? शुरू से ही भाजपा की नीयत राजनीतिक स्वार्थपूर्ति की दिखाई दी है। वैक्सीनेशन को भी भाजपाई रंग देने के लिए प्रधानमंत्री की फोटो लगाई जा रही है। यह वैक्सीनेशन अभियान अगर कोविड संक्रमण से बचाव के लिए राष्ट्रीय अभियान के रूप में चलाने की बात थी, तो उसमें राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता तो इसकी गरिमा बढ़ती। उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी देश में वैक्सीनेशन के अभियान में वहां के प्रधानमंत्री या राष्ट्राध्यक्ष का चित्र नहीं लगा फिर भारत में यह नया खेल किस राजनीतिक उद्देश्य से किया जा रहा है? भाजपा ने वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई वैक्सीन को शुरुआत में ही भाजपाई रंग देने और उसका श्रेय लेने का प्रयास किया था। भाजपा इसे अपनी वैक्सीन क्यों बताती है? भाजपा ने तब अपनी आदत के अनुसार बात का बतंगड़ बना दिया था। भाजपा को लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ मंहगा पड़ेगा।
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