बंगला विवाद पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सफाई के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है. यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि जब चोर की दाढ़ी में तिनका होता है, तो वह बौखलाया रहता है. साथ ही उन्होंने ये भी सवाल उठाए कि आखिरकार दीवार के पीछे क्या था, वो जरूर बताइएगा. आखिरकार क्या छुपाया था जिसे निकालना जरूरी था?
सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो शिक्षा उन्हें मिली है, उस हिसाब से उनकी सभ्य भाषा होनी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने ऐसा बर्ताव नहीं किया. उन्होंने कहा कि हम अखिलेश के बयान की भर्त्सना करते हैं और ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ की संज्ञा देते हैं.
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर उपचुनाव में हार के कारण बंगला साजिश रचने के भी आरोप लगाए, जिस पर सिद्धार्थनाथ सिंह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’वाली हालत है.
अखिलेश ने अपनी सफाई में कहा था कि अगर जांच रिपोर्ट में सरकारी पैसे से सामान की बात साबित हो जाए तो वह वापस करने के लिए तैयार हैं. अखिलेश ने दावा किया है कि वह खुद सामान ले गए थे. इस पर सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अगर आपने अपना पैसा लगाया है तो उसका इनकम टैक्स में हिसाब किताब देना चाहिए.
राज्यपाल पर टिप्पणी गलत
सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल पर अखिलेश यादव की टिप्पणी पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘गवर्नर साहब के बारे में जो टिप्णियां की हैं वो बेहद गलत है. जब कोई सरकारी घर खाली करता है तो उसे अच्छी हालत में छोड़कर जाता है.’
अखिलेश यादव ने कहा था कि राज्यपाल संविधान के तहत काम नहीं कर रहे हैं, उनके अंदर आरएसएस की आत्मा है. दरअसल, राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि आम लोगों से वसूले गए टैक्स के पैसों से सरकारी बंगलों का रखरखाव होता है और बंगला खाली करने से पहले की गई तोड़फोड़ बहुत ही गंभीर और अनुचित मामला है, ऐसे में इस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए.