Chennai: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए गुरुवार का दिन काफी अहमियत भरा होगा। यह पहली बार निजी कंपनियों के सहयोग से बने अपने किसी उपग्रह (सेटेलाइट) को लॉन्च करने जा रहा है। इसका नाम IRNSS-1 एच है। इसकी लॉन्चिंग को लेकर काउंटडाउन शुरू हो गया है।जानिए क्यों हर समय पीएम मोदी के पास रहता है ये ब्रीफकेस, क्या है इसके पीछे का राज…
इसरो गुरुवार शाम करीब सात बजे अपने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे PSLV-C 39 रॉकेट की मदद से छोड़ेगा। ISRO के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का आठवां उपग्रह है और यह IRNSS-1ए की जगह लेगा, जिसकी परमाणु घडि़यों ने काम करना बंद कर दिया है।
इस उपग्रह का वजन 1,400 किलोग्राम है, जिसे ISRO ने छह लघु एवं मध्यम उद्योगों के समूह के साथ मिलकर बनाया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (ISRO) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे अमेरिका स्थित GPS के अनुरूप भारत में विकसित किया गया है।
ISRO के मुताबिक यह पहला मौका है, जब किसी उपग्रह के निर्माण में निजी कंपनियां सीधे तौर पर शामिल हुई हैं। इससे पहले उपग्रह निर्माण में निजी कंपनियां केवल हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, पार्ट और जरूरी सामान ही मुहैया कराती थीं, मगर इस उपग्रह में निजी कंपनियों के इंजीनियर और टेक्निकल्स असेंबलिंग, इलेक्ट्रिकल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग आदि काम में शामिल रहे हैं। इसके लिए छह निजी कंपनियों का एक समूह बनाया गया था।