विश्व कप 2019 में अभ्यास मैचों से टीमों की दावेदारी का अवलोकन किया जा रहा है. पाकिस्तान टीम को अपने पहले अभ्यास मैच में हराकर अफगानिस्तान ने सबको चौंकाया है.
इसके बाद भी विशेषज्ञ पाकिस्तान को एक मजबूत टीम मान रहे हैं. टीम ने अभी तक पिछले सारे 10 मैच हारे हैं. इन हार के बावजूद टीम को मजबूत माने जाने की कई वजह हैं. आखिर इस टीम को इतना भाव क्यों दिया जा रहा है.
विश्व कप के लिए पाकिस्तानी टीम- सरफराज अहमद (विकेटकीपर और कप्तान), आसिफ अली, बाबर आजम, फखर जमान, हैरिस सोहेल, हसन अली, इमद वसीम, इमाम उल हक, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद हफीज, मोहम्मद हसनैन, शादाब खान, शाहीन शाह, अफरीदी शोएब और वहाब रियाज.
टीम की ताकत शानदार है बल्लेबाजी- अगर हम पाकिस्तान टीम का हालिया इतिहास देखें तो टीम बहुत ही मजबूत टीम दिखाई देती है. ऐसा मैचों के नतीजे देखने से नहीं लगता. इंग्लैंड के खिलाफ जब टीम पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलने इंग्लैंड पहुंची थी तब उसकी ताकत गेंदाबाजी मानी जा रही थी, लेकिन इस सीरीज में बल्लेबाजी उसकी ताकत बन कर उभरी. टीम ने करीब हर मैच में 300 से ज्यादा रन बनाकर इंग्लैंड को कड़ी चुनौती दी थी. टीम में फखर जमां के अलावा बाबर आजम बेहतरीन फॉर्म में हैं. बाबर लगातार शतक तक लगा रहे हैं. वहीं शोएब मलिक भी फिनिशर की भूमिका निभाने में सक्षम हैं.
गेंदबाजी शुरू से ही बड़ी ताकत- टीम की सबसे बड़ी ताकत टीम की बॉलिंग है. इंग्लैंड में अगर मौसम ने मिजाज बदला और पिच से गेंदबाजों को मदद मिली तो पाकिस्तान का बॉलिंग लाइनअप किसी भी टीम को, चाहे ऑस्ट्रेलिया हो, इंग्लैंड हो या कि दक्षिण अफ्रीका तहस नहस करने की पूरी क्षमता रखती है. मोहम्मद आमिर, शाहीन अफरीदी, वहाब रियाज बहुत प्रभावी गेंदबाज हैं. इसके अलावा पाकिस्तान का स्पिन अटैक बहुत शानदार है. शादाब खान, मोहम्मद हफीज स्पिन से विरोधी टीम को चौंका सकते हैं.
टीम की कमजोरी- इस समय टीम की कमजोरी फील्डिंग और कुछ हद तक बॉलिंग में अनियमितता है. इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम की हार का मुख्य कारण टीम की फिल्डिंग ही रही है जिससे टीम को कई मैचों में नजदीकी हार मिली. टीम हाई स्कोर डिफेंड करने में नाकाम रही है. विश्व कप में टीम का जोश उसकी बेहतरीन फिल्डिंग में गति पैदा कर सकता है.
क्या होंगे एक्स फैक्टर- इस टूर्नामेंट में बाबर आजम पाकिस्तान के लिए एक्स फैक्टर होंगे. टीम में फखर जमां, कप्तान सरफराज अहमद, बढ़िया फॉर्म में हैं. वहीं शोएब मलिक का अनुभव वही काम कर सकता है जो टीम इंडिया में एमएस धोनी की भूमिका कर सकती है. मलिक इस टूर्नामेंट में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. वे एक बेहतरीन फिनिशर की भूमिका निभाने में सक्षम हैं. फखर जमां ने पिछले साल शानदार रिकॉर्ड बनाए हैं.
टीम का इतिहास- इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने जब भी बड़ा खिताब जीता है हर बार सरप्राइज किया है. 1992 में भी पाकिस्तान को खिताबी दौड़ में कहीं नहीं माना जा रहा था. लेकिन टीम ने सबको चौंकाते हुए खिताब जीत लिया. दो साल पहले चैंपियंस ट्रॉफी में उसने लगभग हर दावेदार को मात देते हुए एक बार फिर सबको हैरान कर इंग्लैंड में ही ट्रॉफी अपने नाम की थी. इस बार माना जा रहा है कि टूर्नामेंट में बाकी टीमें कितनी ही मजबूत क्यों न हों, पाकिस्तान टीम 1992 की पाक टीम से बेहतर नहीं तो कम भी नहीं है. 2017 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से पाकिस्तान ने दो सीरीज जीती है जबकि तीन में उसे क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है. इसके बावजूद टीम ने औसतन बढ़िया प्रदर्शन किया है.