भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैलियों में उनके साथ मंच पर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण देने वाला कानून पास कराकर पहले ही महिला मतदाताओं को भाजपा के पाले में खींचने का दांव चल दिया है। वह आगामी लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में ज्यादा महिलाओं को टिकट देकर विपक्षी दलों को दबाव में लाने की रणनीति अपनाएगी। महिलाओं को टिकट देते समय भी ‘जीतने की क्षमता’ सबसे बड़ा मापदंड होगा।

भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी सभी पांच विधानसभा के चुनावों और लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए कई कोशिशें करेगी। इसके लिए रैलियों-प्रदर्शनों में महिलाओं की भूमिका को प्रमुखता दी जाएगी। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैलियों में उनके साथ मंच पर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
लेकिन महिलाओं के उत्थान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को ज्यादा मजबूती के साथ दिखाने के लिए वह उन्हें ज्यादा से ज्यादा टिकट भी देगी जिससे महिलाओं को यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी उनको आगे लाने के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है। ऐसा करते हुए सामाजिक और वर्गीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाएगा। ऐसा करने से भाजपा का महिला मतदाताओं पर दावा ज्यादा मजबूत हो सकेगा, जबकि कम महिलाओं के प्रतिनिधित्व और टिकट देने के मामले में दूसरे दल घिर सकते हैं।
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