नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने दुनियाभर में कहर बरपाया है, जिससे जिंदगी ही नहीं कारोबार जगत को भी भारी नुकसान हुआ है। संक्रमण से दुनिया में अब तक करीब 39 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं अकेले भारत में भी 4 लाख लोग कोरोना के चलते मौत के मुंह में चले गए।

सरकारों व स्वास्थ्य संगठनों की ओर संक्रमण से बचाव के लिए नई-नई चेतावनी भी जारी की जा रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की ओर से एक बड़ा बयान जारी किया गया है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रसेयस ने कहा है कि लगभग 100 देशों में अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है।, जिसे देखते हुए दुनिया कोविड-19 महामारी के बहुत खतरनाक दौर में है। उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप विकसित और परिवर्तित हो रहा है। यह कई देशों में कोविड-19 का प्रमुख वायरस बन रहा है।
मैंने पहले ही दुनियाभर के नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि अगले साल इस समय तक, हर देश में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि टीके की तीन अरब खुराक पहले ही वितरित की जा चुकी हैं। यह कुछ देशों की सामूहिक शक्ति के भीतर है कि वे कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि टीके साझा किए जाते रहे। विश्व स्तर पर दी जाने वाली टीके की खुराक में से 2 फिसद से भी कम गरीब देशों में हैं।
हालांकि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा सहित अमीर देशों ने कोविड-19 के एक अरब टीके देने का संकल्प लिया है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया को टीकाकरण के लिए 11 अरब (1100 करोड़) खुराकों की जरूरत है।
बता दें कि यूरोपीय यूनियन की मेडिकल एजेंसी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यूरोप में कोरोना के 90 प्रतिशत नए मामले डेल्टा वेरिएंट से संबंधित हो सकते हैं। यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने कहा था-बहुत संभव है कि इन गर्मियों में डेल्टा वेरिएंट का बुरी तरह प्रसार हो।
विशेष तौर पर युवाओं में जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है। एजेंसी ने कहा-नया डेल्टा वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है। हमारा अनुमान है कि अगस्त के आखिरी तक यूरोप में 90 प्रतिशत मामले इसी वेरिएंट से संबंधित होंगे। एजेंसी का अनुमान है कि डेल्टा वेरिएंट अपने पूर्ववर्ती अल्फा वेरिएंट से 40-60 गुना अधिक संक्रामक हो सकता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal