केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने महात्मा मंदिर कन्वेंशन और प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2024 में कौशल विकास के लिए वैश्विक नेटवर्क विकसित करने पर उद्घाटन सत्र में भाग लिया।
2047 तक विकसित देश बनेगा भारत
कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कौशल विकास के लिए वैश्विक नेटवर्क विकसित करना’ इस अत्यधिक अन्योन्याश्रित दुनिया में सफलता प्राप्त करने की कुंजी है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य वैश्विक नेटवर्क से संभव होगा और जब भारत विकसित होगा, तो पूरा ग्लोबल साउथ विकसित होगा।
G20 का किया जिक्र
जी20 घोषणापत्र का जिक्र करते हुए उन्होने उल्लेख किया कि कैसे कौशल के लिए एक वैश्विक मानचित्र बनाने की आवश्यकता महसूस की गई, जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में ज्ञान और दक्षताएं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी जो सभी के लिए ज्ञान और कौशल विकास के अवसरों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करेगी।
वसुधैव कुटुंबकम को लेकर कही ये बात
प्रधान ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत के महत्व को रेखांकित किया और यह भी कहा कि भारत दुनिया के समग्र कल्याण के लिए मानवीय संबंध बनाने की जिम्मेदारी लेता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2003 में संकल्पित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट, समावेशी विकास और सतत विकास के लिए व्यापार सहयोग, ज्ञान साझाकरण और रणनीतिक साझेदारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंचों में से एक के रूप में विकसित हुआ है।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी 2024 तक गांधीनगर, गुजरात में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ थीम के साथ “सफलता के शिखर सम्मेलन के रूप में वाइब्रेंट गुजरात के 20 साल” का जश्न मनाया जाएगा।
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