उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चर्चित दुर्गेश हत्याकांड में कई फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। गिरोह के सरगना सचिवालय के सेक्शन अफसर अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ कर पुलिस ने कई चौकाने वाले राज उजागर किए हैं। पड़ताल में सामने आया है कि अजय के साथियों पर बाराबंकी और मैनपुरी जिले में भी एफआइआर दर्ज है। गिरोह ने दोनों जिलों के कई युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और उनके रुपये हड़प लिए थे।
डीसीपी पूर्वी चारु निगम के मुताबिक, गिरोह के जाल कई जिलों में फैले हैं। फर्जीवाड़े के शिकार पीड़ितों ने पुलिस से सम्पर्क किया है। गिरोह के अन्य जालसाजों की तलाश की जा रही है। पुलिस टीम दबिश दे रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उधर, दुर्गेश हत्याकांड के तीन आरोपित अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। छानबीन में खुद को एक राजनीतिक पार्टी का नेता बताने वाले युवक की भूमिका भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि युवक ने दुर्गेश से किसी काम के लिए तीन लाख रुपये लिए थे। दोनों में लेनदेन का रिकॉर्ड मिला है। युवक की पत्नी मेट्रो में सब इंस्पेक्टर हैं। पुलिस युवक की गिरोह में संलिप्तता के बारे में पता लगा रही है। आरोपित नौकरी के अलावा भी कई तरह का फर्जीवाड़ा करते थे, जिसके बारे में जानकारी के लिए पुलिस ने टीम गठित की है।