लखनऊ: प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुम्भ में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के वास्ते पहुंचने की संभावना है। अयोध्या नगर निगम के अनुसार 13 जनवरी से 12 फरवरी के बीच करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में आने की संभावना है। नगर निगम के अधिकारियों को नववर्ष के दिन अयोध्या में करीब तीन से पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की भी उम्मीद है।
‘अयोध्या में रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग आ रहे हैं’
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रयागराज में महाकुंभ में आने वाले करीब 10 फीसदी श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि महाकुंभ में 25 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, इसलिए हमारा मानना है कि पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025) से माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) तक की अवधि में 2.5 से तीन करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आएंगे।” त्रिपाठी ने कहा कि फिलहाल अयोध्या में रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग आ रहे हैं। नए साल के दिन (एक जनवरी) तीन से पांच लाख लोग शहर आएंगे।
‘कई स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं’
श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। क्षेत्र में ठंड के मौसम की स्थिति के मद्देनजर उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर त्रिपाठी ने कहा कि पांच हजार लोगों के ठहरने की क्षमता वाली टेंट सिटी (अयोध्या में) स्थापित करने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा गया है। महापौर ने कहा, ‘‘कई स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं और अलाव की व्यवस्था की गई है।
इसलिए, हमें उम्मीद है कि हम ठंड के मौसम की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।” महाकुम्भ-2025 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। महाकुम्भ के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक’ के संयोजक आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा कि महाकुम्भ मेले में स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
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