बरेली में एड्स के मरीजों की संख्या छह हजार के करीब पहुंच गई है। हर साल तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह असुरक्षित यौन संबंध बताई जा रही है।
बरेली में एचआईवी संक्रमण की चपेट में आने वालों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष छह सौ से ज्यादा लोग चपेट में मिले हैं। अब जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 5,886 पहुंच गया है। इनमें से 98 फीसदी रोगी असुरक्षित यौन संबंध की वजह से संक्रमित हुए हैं।
जिला अस्पताल के एंटीरेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के अनुसार संक्रमितों में दो सेक्स वर्कर, 22 किन्नर भी शामिल हैं। मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के मुताबिक बीते वर्ष और उससे पूर्व संक्रमित मिलीं महिला सेक्स वर्कर ने काउंसलिंग के दौरान संक्रमण की पुष्टि से पूर्व कई लोगों के साथ संबंध बनाने की बात कबूली थी। सभी संक्रमितों का निशुल्क इलाज हो रहा है। जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर वर्ष 2012-13 से संचालित है। बीते 12 वर्षों में दो संक्रमित की मौत हुई है।
महिलाओं से दोगुना चपेट में पुरुष, बच्चे भी संक्रमित
जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो संक्रमितों में महिलाओं के सापेक्ष पुरुषों की तादाद दोगुनी है। इनमें से गर्भवती रही महिलाओं की डिलीवरी के बाद 220 बच्चों में भी एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। एआरटी सेंटर में उनका इलाज चल रहा है। चिकित्सक के मुताबिक, गर्भवतियों के संक्रमित होने पर गर्भस्थ शिुश के संक्रमण की आशंका 30 फीसदी होती है।
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