अधिकारियों ने डाक से डीएल की डिलीवरी पर रोक लगा दी। 23 जून तक एक लाख 35 हजार से अधिक डीएल लंबित हो गए हैं। अपर परिवहन आयुक्त आईटी एके सिंह ने बताया कि एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस में गड़बड़ी आ रही है, जिसे दो से तीन दिन में ठीक करवा लिया जाएगा।
स्मार्ट कार्ड डीएल के सवा लाख आवेदक दो सप्ताह से परेशान है। इनके डीएल बनकर प्रिंट तो हो गए हैं, लेकिन की मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) में गड़बड़ी के चलते डाटा मिस्मैच होने के कारण इनकी डिलीवरी पर रोक लगी है।
दरअसल, एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस की गड़बड़ी है। इसके लिए परिवहन विभाग के अफसरों का लापरवाह रवैया जिम्मेदार है। विभाग से जुड़े सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए एनआईसी ने बीते दो व तीन जून को कार्य करवाया। इससे आवेदनों पर रोक लगाई गई। इसके बाद अपग्रेडेड सॉफ्टवेयर के जरिए डीएल का केएमएस होता रहा। लंबित पड़े डीएल को जब केएमएस करने का काम शुरू हुआ तो इसमें गड़बड़ी आई, जिसकी वजह से डाटा मिस्मैच होने लगा।
इस पर अधिकारियों ने डाक से डीएल की डिलीवरी पर रोक लगा दी। 23 जून तक एक लाख 35 हजार से अधिक डीएल लंबित हो गए हैं। अपर परिवहन आयुक्त आईटी एके सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है कि एनआईसी से बात नहीं की जा रही है। एनआईसी के सॉफ्टवेयर में केएमएस में गड़बड़ी आ रही है, जिसे दो से तीन दिन में ठीक करवा लिया जाएगा।
बता दें कि परिवहन विभाग के साॅफ्टवेयर में केएमएस रहता है। इस पर डीएल में लगी चिप का ब्यौरा दर्ज होता है। इसके दर्ज होने के बाद परिवहन विभाग का सॉफ्टवेयर वाहन फॉर डीएल से जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध कराता है। ई चालान में इससे मदद मिलती है।