लखनऊ। 2024 के चुनावों में भारतीय गठबंधन से मुस्लिम समुदाय की अपेक्षाओं में बहुआयामी मांगें शामिल हैं, जो समावेशी शासन और प्रतिनिधित्व के लिए उनकी आकांक्षाओं को दर्शाती हैं।
इन मांगों में ऐसी ठोस नीतियों का आह्वान है जो धार्मिक भेदभाव, सामाजिक-आर्थिक असमानता और सांस्कृतिक हाशिए के मुद्दों का समाधान करें। इसमें अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक समान पहुंच और अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना शामिल है।

सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों को लागू किया जाए।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जनसंख्या के अनुपात में अल्पसंख्यकों के बच्चों को उच्च शिक्षा में जगह दी जानी चाहिए।
कारीगरों और बुनकरों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराकर औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
देशभर में फैली सभी वक्फ संपत्तियों की पहचान की जाए।
अवकाफ़ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
पिछले दस वर्षों में सांप्रदायिक दंगों से हुए नुकसान की भरपाई की जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। निर्दोष मुस्लिम युवाओं की गिरफ्तारी की न्यायिक जांच कराई जाए और उन्हें न्याय दिया जाए।
पिछले दस वर्षों में जो कानून बने हैं, जो देश व समाज के हित में नहीं हैं, उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए।देश में प्राइवेट लिमिटेड संस्कृति और सोच को ख़त्म किया जाना चाहिए।
अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को देश की विदेश नीतियों में जगह दी जानी चाहिए।
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