भाजपा में शामिल होने के बाद से दयाशंकर मिश्र दयालु लगातार आगे बढ़ते जा रहे है। योगी सरकार के दोबारा गठन के बाद पूर्वांचल विकास बोर्ड में उनको उपाध्यक्ष का पद देकर पुरस्कृत किया जा चुका है। चूंकि वह विधानसभा सदस्य नहीं थे ऐसे में उनको अब विधान परिषद में भेजने के लिए भाजपा की ओर से पहल करते हुए जारी सूची में उनका भी नाम शामिल किया गया है।

योगी सरकार 2.0 में दयाशंकर मिश्र दयालु को आयुष विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है। वह 2013 में भाजपा में शामिल हुए उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और नित नई उंचाईयां प्राप्त करते रहे। योगी की पिछली सरकार में उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद देकर पुरस्कृत किया गया था। अब उन्हें विधान परिषद में भेजने के लिए भाजपा ने द्विवार्षिक चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है।
57 वर्षीय डा. दयाशंकर मिश्र दयालु मूल रूप से गाजीपुर जनपद के सिधौना निवासी हैं। रेलवे में टिकट निरीक्षक पद पर रहे इनके पिता स्व. रामाधार मिश्रा के चार पुत्रों में दयालु सबसे छोटे हैं। सिधौना में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले दयालु ने बीएचयू से वनस्पति विज्ञान में पीएचडी की। पहले इंटर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और चंदौली में प्रधानाचार्य बने। अभी वाराणसी स्थित डीएवी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं।
बीएचयू से शुरू हुई छात्र राजनीति के बाद कांग्रेस में सक्रिय रहे। 2012 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर शहर दक्षिणी से भाग्य आजमाया लेकिन वह भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी दादा के सामने सफल नहीं हुए। दयालु 44046 वोट पाकर मात्र 13822 वोट से हार गए। वर्ष 2013 में नरेन्द्र मोदी के प्रभाव में आकर भाजपा में शामिल हो गए। बाद में 2017 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष
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