न्यूयार्क, चीन और रूस ने प्योंगयांग (उत्तर कोरिया की राजधानी) द्वारा हालिया मिसाइल लांच के जवाब में उत्तर कोरिया के पांच लोगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में अमेरिकी प्रयासों पर पानी फेर दिया है। यह खुलासा कई मीडिया रिपोर्टों से हुआ है। यह कदम उत्तर कोरिया से संबंधित मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक से पहले आया है। न्यूज चैनल अल जजीरा की जानकारी के अनुसार इस सप्ताह प्योंगयांग के मिसाइल लांच के बाद दो सप्ताह के अंतरगत यह दूसरी ऐसी बैठक है।

हाल ही में की थी दो मिसाइलों की लांचिंग
उत्तर कोरिया ने हाल ही में पुष्टि की थी कि उसने दो मिसाइलों की सफल लांचिंग की है जो कोरिया के पूर्वी सागर में एक द्वीप लक्ष्य को सटीक रूप से हिट करती हैं। एक महीने में यह उत्तर कोरिया का चौथा मिसाइल परीक्षण था। इससे पहले उसने दो मौकों पर हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफल परीक्षण करने का दावा किया था। गौरतलब है पिछले पिछले दिनों उसने ट्रेन कारों से दागी गई छोटी दूरी की मिसाइलों की एक जोड़ी का उपयोग भी किया था।
अमेरिका ने किया था सुरक्षा परिषद सदस्यों को एकजुट होने का आह्वान
मिसाइलों के परीक्षण के मुद्दे पर UNSC की चर्चा से पहले, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा-थॉमस ग्रीनफील्ड ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, जापान और कई अन्य देश सुरक्षा परिषद से उत्तर कोरिया के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा करने का आग्रह किया है। ब्राजील, फ्रांस, आयरलैंड, जापान, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन में डीपीआरके (उत्तर कोरिया) की निंदा करने के लिए परिषद के साथी सदस्यों को एकजुट होने का भी आह्वान किया था।
पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने लगाए थे प्रतिबंध
उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल लांच करने के चलते अमेरिका ने उसपर एकतरफा प्रतिबंध लगाए थे। इस प्रतिबंध के तहत छह उत्तर कोरियाई, एक रूसी शख्स और एक रूसी फर्म को रूस और चीन से मिसाइल परीक्षण कार्यक्रमों के लिए सामान खरीदने का आरोप लगाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। अमेरिका ने इसके उपरांत उन लोगों में से पांच पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा यात्रा प्रतिबंध और संपत्ति फ्रीज करने का प्रस्ताव दिया था।
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