हाइब्रिड कारों को वाहन कर में छूट देने से राज्य को राजस्व का नुकसान तो होगा लेकिन उसकी भरपाई जीएसटी से होगी। वहीं, इन कारों का प्रचलन बढ़ने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम में केंद्रीय मोटरयान (9वां संशोधन) नियम 2023 के नए नियम 125-एम के तहत केवल प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार व स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार को वाहन कर में 100 प्रतिशत छूट पर मुहर लगाई गई। यह छूट वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वैध की गई है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि अभी तक यूपी समेत कई राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों की तर्ज पर हाइब्रिड कारों को भी वाहन टैक्स में छूट दे रहे हैं। इस कारण राज्य की ज्यादातर हाइब्रिड कारों का पंजीकरण उत्तराखंड के बजाय उन राज्यों में हो रहा है, जिससे वाहन स्वामियों को तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का लाभ होता है। जिससे हमारे राज्य को नुकसान होता है।
टैक्स में 100 फीसदी छूट के बाद हाइब्रिड कारें यहीं पंजीकृत होंगी। निश्चित तौर पर इससे राज्य को वाहन टैक्स का नुकसान होगा लेकिन इन कारों की बिक्री पर लगने वाले 28 से 43 प्रतिशत जीएसटी राज्य को मिलेगा। वहीं, ईवी की तर्ज पर ये पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाला कदम है। आपको बता दें कि यह छूट वर्तमान में बैटरी और पेट्रोल से चलने वाली हाइब्रिड कारों पर मिलती है। पिछले एक साल में राज्य में केवल 750 हाइब्रिड कारों का पंजीकरण हुआ था, जो आगामी वर्ष में 2000 पार जाने का अनुमान है।
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