उत्तराखंड: वन आरक्षी प्रतीक्षा सूची मामले में सवालों में वन मुख्यालय की भूमिका

उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने इस साल जनवरी में वन आरक्षी के 892 पदों पर भर्ती का परिणाम जारी किया गया था। आयोग ने पिछले महीने वन महकमे को पत्र भेजा है, उसमें नए अधियाचन को भेजने पर प्रतीक्षा सूची नियमावली के विरुद्ध बताया है।

वन आरक्षी प्रतीक्षा सूची के मामले में वन मुख्यालय की भूमिका सवालों में है। इस साल जनवरी में वन आरक्षी भर्ती का परिणाम जारी होने के बाद प्रतीक्षा सूची को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच वन मुख्यालय के मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन कार्मिक प्रबंधन ने वन आरक्षी पद पर भर्ती के लिए नया अधियाचन भेज दिया।

ऐसे में उत्तराखंड प्रतीक्षा सूची नियमावली-2023 में नया अधियाचन भेजने के बाद ही प्रतीक्षा सूची मान्य ही नहीं रह जाती है। इसके लिए आयोग ने पिछले महीने वन महकमे को पत्र भेजा है, उसमें नए अधियाचन को भेजने पर प्रतीक्षा सूची नियमावली के विरुद्ध बताया है।

अप्रैल में अभिलेखों का सत्यापन संबंधी प्रक्रिया की गई
उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने इस साल जनवरी में वन आरक्षी के 892 पदों पर भर्ती का परिणाम जारी किया गया था। परिणाम जारी होने के साथ प्रतीक्षा सूची का भी जिक्र किया गया। इसके अलावा प्रतीक्षा सूची को लेकर भी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया। इसी के तहत मार्च में शारीरिक नापजोख और अप्रैल में अभिलेखों का सत्यापन संबंधी प्रक्रिया की गई।

इन सबके बीच वन मुख्यालय के मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन कार्मिक प्रबंधन ने 600 वन आरक्षी के पदों पर भर्ती के लिए नया अधियाचन भेज दिया। जबकि उत्तराखंड प्रतीक्षा सूची नियमावली-2023 में प्रतीक्षा सूची केवल एक वर्ष या आगामी भर्ती के लिए अधियाचन भेजने की तिथि जो भी पहले हो तक के लिए वैध होने का उल्लेख है। ऐसे में प्रतीक्षा सूची को लेकर ही तकनीकी अड़चन सामने आ गई।


आयोग ने वन महकमे को भेजा पत्र

इस मामले में पिछले महीने लोकसेवा आयोग ने वन महकमे को पत्र भेजा है, इसमें कहा गया है कि आयोग कार्यालय ने 892 अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति 23 जनवरी को भेज दी थी। उक्त सूची के साथ प्रतीक्षा सूची के लिए शारीरिक अर्हता एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए सूची निर्गत होने का उल्लेख कर दिया गया था।

फिर भी वन विभाग द्वारा चयन संस्तुति के 892 पदों में से वन विभाग में ज्वाइन नहीं करने वाले 162 अभ्यर्थियों के चयन को निरस्त करने से पूर्व ही मई में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून को प्रेषित वन आरक्षी के रिक्त छह सौ पदों में उक्त 162 को शामिल करते हुए नया अधियाचन भेज दिया। यह उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में आयोग- चयन संस्थाओं के माध्यम से आयोजित प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं और अन्य चयन के आधार पर चयनित अभ्यार्थियों की चयन सूची और प्रतीक्षा सूची नियमावली-2023 के विरुद्ध हैं।

शासन को भेजा पत्र, कहा कोई अधियाचन प्रभावी नहीं
मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन कार्मिक प्रबंधन ने सितंबर एक पत्र उप सचिव को भेजा। इसमें कहा गया है कि क्योंकि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन आरक्षी और वन दरोगा के दोनों अधियाचन मूल में वापस कर दिया गया है। जिस के कारण कोई भी अधियाचन वर्तमान में किसी भी चयन संस्था स्तर से लंबित नहीं है।

ऐसे में कोई अधियाचन प्रभावी नहीं है। इसमें नया अधियाचन क्यों भेजा गया था, उसका भी उल्लेख है। वहीं, इस मामले में शासन और वन मुख्यालय स्तर पर पत्राचार हुआ है, प्रकरण को कार्मिक एवं सतर्कता में भेजा गया है। वन मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार सभी विषय से शासन को अवगत कराया गया है, वहीं से दिशा- निर्देश प्राप्त होंगे।

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