एम्स प्रशासन से सफल वार्ता के बाद नर्सिंग स्टाफ ने पहले दिन ही कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया। वार्ता में उन्हें एम्स प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। जांच की रिपोर्ट आने तक आरोपी चिकित्सकों को कार्य से हटाकर डीन कार्यालय संबद्ध कर दिया है।
दरअसल, एम्स में महिला चिकित्सक से नर्सिंग ऑफिसर के छेड़खानी मामले में रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलित थे। उन्होंने आरोपी नर्सिंग ऑफिसर के साथ एक स्टाफ पर उपस्थिति रजिस्टर में छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया और दोनों के निलंबन-बर्खास्तगी की मांग की। रेजीडेंट डॉक्टरों से वार्ता कर एम्स प्रशासन ने उनका आंदोलन बंद कराने में सफलता पाई। उसके बाद अगले ही दिन शुक्रवार से नर्सिंग स्टाफ आंदोलित हो गया। स्टाफ का आरोप था कि दो चिकित्सकों ने उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है इसलिए उन्हें निलंबित किया जाए। हालांकि, शनिवार को एम्स में बीते पांच दिनों से चल रहे आंदोलन के दौर का पटाक्षेप हो गया।
बीते शुक्रवार से एम्स में नर्सिंग स्टाफ आंदोलित था। नर्सिंग स्टाफ का आरोप था कि दो रेजीडेंट चिकित्सकों ने उप नर्सिंग अधीक्षक के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। दोनों चिकित्सकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई मांग के लिए स्टाफ ने शुक्रवार को डीन एकेडमिक के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। मांग पर कार्रवाई न किए जाने पर नर्सिंग स्टाफ ने शनिवार सुबह 9 बजे से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी। शुक्रवार को एम्स प्रशासन के साथ मैराथन बैठक के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकल पाया था। इस पर नर्सिंग स्टाफ ने शनिवार सुबह से कार्य बहिष्कार शुरू कर डीन एकेडमिक व एमएस कार्यालय के सामने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, आईसीयू, गायनी ओटी, ट्रामा व इमरजेंसी सेवाओं में नर्सिंग स्टाफ ने कार्य किया। बाद में प्रशासन के साथ हुई बैठक में देर शाम सकारात्मक आश्वासन मिलने पर नर्सिंग स्टाफ ने कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया। इससे करीब पांच दिनों से चल रहा अव्यवस्थाओं के दौर पर विराम लग गया।
नारों और ड्रिल मशीन के शोर से परेशान रहे मरीज
शनिवार को एम्स में कहीं प्रदर्शनकारियों के नारों की गूंज रही तो कहीं ड्रिल मशीन का शोर होता रहा। इससे मरीज खूब परेशान हुए। प्रदर्शनकारी दिनभर डीन एकेडमिक के कार्यालय के सामने नारेबाजी करते रहे। इसके लिए प्रदर्शनकारियों ने माइक की व्यवस्था भी की थी। वहीं, बरसात के दौरान जलभराव की समस्या के निराकरण के लिए एम्स में निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए इमरजेंसी वार्ड के ठीक सामने ड्रिल मशीन चली जिससे शोर होता रहा।
अभद्र भाषा के इस्तेमाल संबंधी मामले की जांच कमेटी करेगी। करीब तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट आने तक आरोपी चिकित्सकों को कार्य से हटाया गया है। इस दौरान आरोपी चिकित्सक डीन कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। – प्रो. संजीव मित्तल, एमएस, एम्स ऋषिकेश।