नैनीताल हाईकोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की।
नैनीताल हाईकोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद चीफ सेकेट्री ऑफ उत्तराखंड को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सरकारी भूमि पर जहां-जहा अतिक्रमण हुआ है प्रदेश के 13 जिलों के लिए अतिक्रमण शिकायती ऐप तैयार करें। ताकि प्रदेश के जागरूक नागरिक इसमें अपनी शिकायत दर्ज कर सके। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 मई की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।मामले के अनुसार दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायधीश को पत्र भेजकर कहा था कि नैनीताल के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि व रोड के किनारे कुछ लोगो ने सबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है।
जिसकी वजह से लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लिहाजा इसे हटाया जाय। कोर्ट ने इस पत्र का संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी साथ मे कोर्ट ने जनहित याचिका के क्षेत्र को विस्तृत करते हुए पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश सभी जिला अधिकारी व डीएफओ को देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
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