उत्तराखंड के के चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिले में शनिवार कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। नैनीताल व चम्पावत में कहीं कहीं भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। जबकि अन्य पर्वतीय जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग देहरादून के अनुसार, 20 को देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल जिले में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने, तीव्र बौछार की संभावना है। राज्य में 22 जून तक लगातार बारिश का सिलसिला बना रह सकता है। राज्य में शुक्रवर को अल्मोड़ा के सोमेश्वर, रानीखेत, द्वारहाट, चौखुटिया, देहरादून के हरिपुर, जॉलीग्रांट मसूरी, चमोली के गैरसैंण, थराली, चम्पावत के बनबसा, चम्पावत, पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार, यमकेश्वर, लैंसडाउन, नैनीताल के मुक्तेश्वर, हल्द्वानी, बेतालघाट, पिथौरागढ़ के धारचुला, मुन्स्यारी, पिथौरागढ़, बेरीनाग, गंगोलीहाट, उत्तरकाशी के भटवाड़ी, उत्तरकाशी, पुरोला, बड़कोट, रुद्रप्रयाग के जखोली, उखीमठ, उधमसिंहनगर के काशीपुर, पंतनगर, बागेश्वर के गरुड़, लोहारखेत, कपकोट, बागेश्वर में अच्छी बारिश मिली।
दून में 24 घंटे में हुई 20.6 एमएम बारिश
दून में पिछले 24 घंटों में 20.6 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। शुक्रवार की सुबह से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। जो करीब दो घंटे तक होती रही। इसके बाद हालांकि दिन में मौसम खुल गया और धूप भी निकली, लेकिन शाम ढलते ढलते एक बार फिर आसमान में काले बादलों ने डेरा जमा दिया। दून में शुक्रवर को अधिकतम तापमान 28.4 रहा। जो सामान्य से 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 22.4 के साथ सामान्य रहा। दून में पिछले 24 घंटों में छह से सात डिग्री तक तापमान में गिरावट आई है। जिससे मौसम बेहद सुहावना बन गया है। मसूरी, टिहरी की पहाड़ियों के अलावा शिवालिक श्रेणी की पहाड़ियों में बादलों के झुरमुट बेहद दिलकश लग रहे हैं। मौसम विभाग ने दून में अगले तीन चार दिनों तक बारिश का अंदेशा जताया है।
मसूरी में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार देर रात्रि को बारिश का सिलसिला शुरू हुआ था जो शुक्रवार तड़के 5 बजे तक चलता रहा। कुछ देर बारिश रुकी रही व सुबह 6 बजे फिर से शुरू हो गई। जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश से माल रोड सहित शहर के पर्यटक स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया। बारिश के चलते पर्यटक भी होटलों में कैद होकर रह गए। तापमान में भारी गिरावट के चलते ठंड बढ़ गई। ठंड से बचने के लिए लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश खेती के लिए लाभकारी मानी जा रही है। क्यारकुली गांव के स्थानीय निवासी राकेश रावत ने बताया कि गांव में इन दिनों मक्का की रोपाई की जा रही है। बारिश होने से फसलों को लाभ मिलेगा। धनोल्टी के किसान देवेंद्र ने बताया कि भारी बारिश होने से आलू व सेब को नुकसान होगा। बताया कि बारिश से आलू, मटर व सेब सड़ जाते हैं जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान होने की चिंता सताने लगी है।