ट्विटर पर ब्लू टिक की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। समय के साथ यह वेरिफाइड चेकमार्क यूजर्स के लिए विश्वास और स्टेटस का सिंबल बनने लगा। हालांकि पहले यह सुविधा यूजर्स के लिए फ्री में उपलब्ध थी।
बीते हफ्ते देर रात गुरुवार से ही पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ब्लू टिक हटना शुरू हुआ। शुक्रवार की सुबह बहुत से यूजर्स के लिए चौंकाने वाली रही। ट्विटर के आम ही नहीं, कई खास और मशहूर लोग भी अपने अकाउंट की प्रोफाइल से ब्लू टिक को खो चुके थे।
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इस लिस्ट में भारत के मशहूर कलाकार अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा जोनस से लेकर क्रिकेटर्स सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली जैसे लोगों के नाम शामिल रहे। इतना ही नहीं, तमाम राजनीतिक पार्टी से जुड़े ऑफिशियल और सरकारी मंत्रालय से भी ब्लू टिक ले लिया गया। भारत से बाहर Pope Francis, Hillary Clinton जैसे मशहूर लोगों से भी ब्लू टिक ले लिया गया।
पैसे दीजिए, नहीं तो छीन ली जाएगी पहचान
इसी के साथ यह पहली बार है जब किसी सोशल मीडिया पर एक वेरिफाइड चेकमार्क के लिए हर कोई शिकायत करता दिख रहा है। ट्विटर में हुए इस बदलाव की आहट कई महीनों से थी और आखिरकार ऐसा हो भी गया। स्टेटस और ऑरिजनल अकाउंट की पहचान बताने वाला चेकमार्क गायब हो गया।
यह हर किसी के लिए सकते में आने जैसी बात थी। हालांकि, ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने फ्री में मिलने वाले वेरिफाइड चेकमार्क के लिए पैसे वसूलने का मन कंपनी की कमान संभालने के साथ ही बना लिया था।
यूजर्स कर रहे शिकायत
सोशल मीडिया पर पहचान से जुड़ा यह मुद्दा हर किसी के लिए ध्यान देने वाला है। यही वजह है कि पर ब्लू टिक हटने के बाद से कई यूजर्स ने इसकी शिकायत करना शुरू कर दिया।
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भारत के मशहूर बॉलिवुड स्टार अमिताभ बच्चन नेपर एक पोस्ट लिख अपने ब्लू टिक की वापिसी की मांग की। हालांकि, फी पे करने के कुछ समय बाद उनके अकाउंट पर ब्लू टिक की वापिसी भी हो गई।
असली और फेक में पहचान का प्रतीक
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ब्लू टिक की पेशकश पहचान को सत्यापित करने के लिए रखी गई थी। ट्विटर पर ब्लू टिक साल 2014 में लाया गया था।
यूजर के लिए किसी भी ऑफिशियल की पहचान कर पाना आसान था, क्योंकि एक नाम दर्ज करने पर खुलने वाले 10 अकाउंट में असली अकाउंट की पहचान ब्लू टिक से जुड़ी थी। ब्लू टिक है मतलब अकाउंट फेक किसी कीमत पर नहीं हो सकताा। लोगों के लिए ब्लू टिक पब्लिक फिगर को पहचान पाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा।
Twitter Blue Tick:
ब्लू टिक के आने के साथ ही लोगों के लिए यह सिंबल विश्वास और स्टेटस का सिंबल बन गया। हालांकि, शुरुआती दौर में ब्लू टिक के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं वसूली जाती थी। वहीं बीते सालमें नए मालिक एलन मस्क की एंट्री के साथ ही नए बदलाव होने लगे।
एलन मस्क ने बीते साल नवंबर में ही ट्विटर ब्लू (Twitter Blue service) की पेशकश रखी। जाहिर है, पुरानी सर्विस से अलग यह पेड सर्विस थी। यानी ट्विटर के हर यूजर के लिए यह जरूरी हो गया कि वह अपनी पहचान सत्यापित करने और ब्लू टिक बनाए रखने के लिए पे करे।
पेड सर्विस के साथ पहचान का खत्म हुआ महत्व
हालांकि, यूजर्स के लिए यह सर्विस एक नई परेशानी खड़ी कर रही है। किसी भी अकाउंट पर फी पे कर ब्लू टिक असली और फेक की पहचान तो करा पाएगा, लेकिन किसी तीसरे शख्स के लिए यह केवल पैसे लेकर टिक पाने का विचार मन में पैदा करेगा। यानी ब्लू टिक पैसा देकर लिया टिक होना इंडिकेट करेगा। ऐसे में असली अकाउंट की पहचान कहीं न कहीं किनारे हो जाएगी।
पीएम मोदी के अकाउंट पर ब्लू नहीं, ग्रे टिक
एलन मस्क ने ट्विटर यूजर्स के लिए तीन अलग-अलग रंग में वेरिफाइड चेकमार्क पेश किए हैं। कंपनी ने यूजर्स के लिए गोल्ड चेकमार्क और ग्रे चेकमार्क की पेशकश भी रखी है।
दरअसल कंपनी ने ऑफिशियल बिजनेस अकाउंट के लिए गोल्ड चेकमार्क की पेशकश रखी है। इसी तरह सरकारी मंत्रालय और सरकार से जुड़े ऑफिशियल के लिए ग्रे चेकमार्क की पेशकश रखी गई है।
भारत में कितनी ली जा रही फीस
दुनिया में कई देशों के लिए पेड सर्विस को शुरू करने के बाद यहब्लू भारत में शुरू हो चुका है। ब्लू टिक बनाए रखने के लिए यूजर्स के लिए फी भी तय की जा चुकी है। यह पेड सर्विस इस साल 9 फरवरी को लॉन्च कर दी गई थीं।
वे भारतीय ट्विटर यूजर्स जो मोबाइल में ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं उन्हें 900 रुपये का खर्च महीने भर के लिए उठाना होगा, जबकि ट्विटर के वेब यूजर्स को इस सर्विस के लिए हर महीने 650 रुपये देने होंगे। ट्विटर ब्लू की सेवा का साल भर लाभ लेने के लिए भारतीय यूजर्स को 6800 रुपये का प्लान भी ऑफर किया गया है।