नई दिल्ली। सरकार की तरफ से एक स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है। इसे सरकार का डिपार्टमेंट फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) विकसित कर रहा है। इसे लेकर सरकार ने एक संचालन कमेटी का गठन किया गया है, जिसे ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम से जाना जाएगा। इस कमेटी का काम एक ई-कॉमर्स कंपनी को लेकर एक पॉलिसी बनाने से लेकर उसे लागू कराने की जिम्मेदारी होगी। साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक पॉलिसी तैयार करना है।
कमेटी में कौन-कौन होंगे शामिल-
सरकार की इस पहल का मकसद ई-कॉमर्स बिजनेस प्लेटफॉर्म तैयार करना है, जिसे सरकार की तरफ से सहायता प्राप्त होगी। सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की समिति के अध्यक्ष के तौर पर सीनियर DPIIT ऑफिसर को चुना गया है। साथ ही सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की कमेटी में डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी मिनिस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ MSME और नीति आयोग के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई, NPCI टेक्नोलॉजी के सीईओ दिलीप अस्बे, NSDL टेक्नोलॉजी के सीईओ सुरेश सेठ भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे। इसके अलावा इंडस्ट्री इनपुट के लिए कैट (CAIT) के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। आपको बता दें कि कैट लंबे वक्त से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करता रहा है।
Amazon और Flipkart को मिलेगी जोरदार टक्कर-
भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट में ज्यादातर हिस्सेदारी Amazon और Fipkart की है। लेकिन सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी के आने से Amazon और Flipkart को जोरदार टक्कर मिल सकती है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। ऐसे में सरकारी ई-कॉमर्स कंपनी पीएम मोदी के सपने को पूरा करने में मददगार साबित हो सकती है।