पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें दहाई अंक में वृद्धि होगी।

उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में विरमानी ने कहा कि जीएसटी, दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) और मौद्रिक नीति समिति का गठन समेत कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में फिर से गति लाने की जरूरत है। भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। लेकिन अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें दहाई अंक में वृद्धि होगी।
हाल ही में मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपने संशोधित अनुमान में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में 8.9 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक को भी अर्थव्यवस्था में क्रमश: 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत गिरावट की उम्मीद है। विरमानी ने यह भी कहा कि पूंजी लागत कम करने के लिए भारत को वित्तीय क्षेत्र में और सुधारों की जरूरत है।
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