अनीता तिवारी यतोहस्तोस्ततोदृष्टिर्यतो, दृष्टितोमन:यतोमानततोभव, यतोभववततो रसतत्रद्वाभ्यासेबा, प्रधानमितिकाथ्यके घुंघरूओं की झंकार तबले की थाप पर जब गौरी और वारिद्ध ने अपने नृत्य कौशल को आरंभ किया तब हाल में मौजूद लोग धीरे-धीरे कब आस्था अध्यात्म और भक्ति भाव लीन में कुछ …
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