नौ जुलाई को दिल्ली में हुई पंजाब के सीएम भगवंत मान व सैनी की बैठक में सकारात्मक पहलू निकले थे। मान ने कहा था कि यदि पंजाब को रावी और चिनाब नदियों से पानी मिलता है, तो वे हरियाणा को पानी देने में सहयोग करेंगे। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने इस मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा की उम्मीद जताई थी।
सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) विवाद को लेकर मंगलवार को पंजाब व हरियाणा सरकार मंगलवार फिर मंथन करेंगी। दिल्ली में केंद्र सरकार के सामने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री शाम चार बजे बैठक करेंगे। इस बैठक में हरियाणा की तरफ से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मुख्य सचिव और सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे। इससे पहले, दोपहर 12 बजे हरियाणा भवन में सीएम प्रदेश के भाजपा सांसदों के साथ बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
नौ जुलाई को दिल्ली में हुई पंजाब के सीएम भगवंत मान व सैनी की बैठक में सकारात्मक पहलू निकले थे। मान ने कहा था कि यदि पंजाब को रावी और चिनाब नदियों से पानी मिलता है, तो वे हरियाणा को पानी देने में सहयोग करेंगे। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने इस मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा की उम्मीद जताई थी। साथ ही जोर दिया था कि पंजाब और हरियाणा के बीच यह विवाद जल्द समाप्त होना चाहिए।
एसवाईएल का उद्देश्य सतलुज और यमुना नदियों को जोड़कर दोनों राज्यों को समान पानी देना है। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन पंजाब ने 2004 में जल समझौते को रद्द कर दिया, जिससे यह विवाद और गहरा गया।
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