नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत शिक्षा का अधिकार बच्चों को यह गारंटी देता हे कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले। ऐसे में शिक्षक भी योग्य और बेहतर होने चाहिए। यह अहम टिप्पणी शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार के उस फैसले पर मुहर लगाते हुए की, जिसमें सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2019 में 65-60 फीसदी की कटऑफ तय की गई थी।
69,000 सहायक प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में शीर्ष अदालत की अहम टिप्पणी-
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एमएम शांतानुगौदर की पीठ ने कहा, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक तय करने की राज्य सरकार की यह कोशिश पूरी तरह न्यायसंगत है। पीठ ने इसी के साथ राज्य सरकार को इस वर्ष 12 मई को घोषित परिणामों के अनुसार 69,000 सहायक प्राथमिक शिक्षकों के लिए सभी रिक्तियों को भरने की अनुमति दे दी।
पीठ ने कहा, 65-60 फीसदी कटऑफ पूरी तरह वैध और न्यायसंगत है। इसके जरिये इस परीक्षा में बड़ी संख्या में शामिल हुए उम्मीदवारों में से जो भी बेहतर प्रतिभाएं उपलब्ध हैं, उनकी पहचान की गई। पीठ ने बीते साल इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें यूपी सरकार के 65-60 फीसदी कटऑफ अंक को जायज ठहराया गया था। यह आदेश बुधवार को सुनवाया गया था।
शिक्षा मित्रों को एक और मौका दिए जाने का फैसला यूपी सरकार पर छोड़ा-
पीठ ने यूपी सरकार के उस हलफनामे पर भी संज्ञान लिया, जिसमें अगले साल होने वाली सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शिक्षा मित्रों को एक और मौका देने की इच्छा जताई गई है। पीठ ने कहा, यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ा जाता है कि वह किस तरीके से और कैसे इन्हें फिर मौका देती है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर है।