Right now: India and China agree to go ahead of Dolaam, keep these big ...

अभी-अभी: डोकलाम को छोड़ आगे बढ़ने पर राजी हुआ भारत-चीन, रखी ये बड़ी…

डोकलाम विवाद को पीछे छोड़ते हुए भारत और चीन मंगलवार को अपने रिश्तों को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वे रिश्तों को ‘सही दिशा’ में आगे बढ़ाना चाहते हैं। दोनों नेताओं ने घंटे भर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने शी के साथ मुलाकात को ‘सार्थक’ बताया।Right now: India and China agree to go ahead of Dolaam, keep these big ...योगी आदित्यनाथ की कुल संपत्ति जानकर उड़ जायेगे आपके होश, रिवाल्वर और राइफल की भी…

बैठक के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि डोकलाम जैसी घटनाएं दोबारा नहीं हों, इसे सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों को अपने सुरक्षाकर्मियों के बीच सहयोग बढ़ाना होगा। चीन यात्रा पूरी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ही म्यांमा की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर ने प्यी ता पहुंच गए।

मोदी ने शी के साथ मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। हम लोगों ने भारत और चीन के आपसी रिश्तों के संदर्भ में सार्थक बातचीत की।’ बैठक के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि ‘रचनात्मक’ बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को लेकर दोनों देशों का रुख ‘भविष्योन्मुखी’ रहा। इस दौरान इस तथ्य पर फिर से जोर दिया गया कि भारत-चीन रिश्तों के विकास के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति और सौहार्द बरकरार रखना जरूरी है।

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों पक्ष डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़ चुके हैं, जयशंकर ने कहा, ‘यह भविष्योन्मुखी बातचीत रही और पीछे मुड़कर देखने वाली बातचीत नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि एक घंटे से ज्यादा चली बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त आर्थिक समूह, सुरक्षा समूह और रणनीतिक समूह जैसी उन अंतर-सरकारी व्यवस्थाओं के बारे में भी बात की, जिनकी मदद से दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं।  जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास बढ़ाने और मजबूत करने की कोशिशों पर जोर दिया और यह महसूस किया गया कि ‘सुरक्षा एवं रक्षाकर्मियों को पुख्ता संपर्क और सहयोग बनाए रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाल ही में पैदा हुए हालात फिर न पैदा हों।

मुलाकात के दौरान मोदी और शी ने इस साल अस्ताना में बनी उस सहमति पर जोर दिया कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाएगा। जयशंकर ने कहा कि शीर्ष स्तर पर इस बात को लेकर मजबूत राय रखी गई कि रिश्तों को आगे ले जाने में ही दोनों देशों का हित है। मुलाकात के दौरान मोदी ने ‘बेहद सफल’ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर शी को बधाई दी और कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में इस समूह को और ज्यादा प्रासंगिक बनाने में यह सम्मेलन सफल रहा है।

बेजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग के मुताबिक शी ने मोदी से कहा-‘चीन शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों को बरकरार रखने, परस्पर राजनीतिक विश्वास, पारस्परिक लाभदायक सहयोग को आगे बढ़ाने और द्विपक्षीय रिश्तों को सही रास्ते पर आगे बढ़ाने को लेकर भारत के साथ काम करने को इच्छुक है।’ शुआंग ने कहा कि मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं, अवसर हैं। शी ने कहा-‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत चीन के विकास को सही और तार्किक ढंग से देख सकता है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान डोकलाम का मामला उठा तो चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘शी ने कहा कि चीन और भारत को सीमावर्ती इलाके में शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सहमति बनानी चाहिए और मतभेदों को दूर करना चाहिए।’

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘जहां तक मैं जानता हूं, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर सहमति जताई है कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती इलाकों में शांति और सौहार्द के लिए मिलकर काम करना चाहिए। शी ने मोदी से कहा कि अगर द्विपक्षीय संबंध ठोस और सतत ढंग से आगे बढ़ते हैं तो इससे दोनों पक्षों के हितों की पूर्ति होगी और क्षेत्र की साझा अकांक्षाएं भी पूरी हो सकेंगी।’ प्रवक्ता के मुताबिक शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत एक दूसरे के पड़ोसी और दो महत्त्वपूर्ण बाजार व उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं।

बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘हाल के वर्षों में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर व्यापक सहमति बनाई है। दोनों पक्ष आगे बढ़ रहे हैं और इस सिद्धांत पर अमल करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। शी ने कहा कि चीन परस्पर राजनीतिक विश्वास को बढ़ाने, परस्पर रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने और चीन-भारत संबंधों को सही मार्ग पर ले जाने के पंचशील के सिद्धांत के आधार पर भारत के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।’ 

शी ने आर्थिक सहयोग के विस्तार के लिए रणनीतियां तय करने का भी आह्वान किया। शी ने मोदी से कहा कि साथ मिलकर हम अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अधिक न्यायसंगत और तार्किक ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं। मालूम हो कि डोकलाम में दोनों देशों के बीच 16 जून, 2017 को उस वक्त गतिरोध पैदा हुआ था जब भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों के सड़क निर्माण के काम को रोक दिया था। बीते 28 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नई दिल्ली और बेजिंग ने डोकलाम इलाके से अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया है।

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