देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों ने डब्ल्यूटीओ का पुतला फूंका। इस दौरान किसानों ने डब्ल्यूटीओ से भारत के बाहर निकलने की मांग की। वहीं शंभू बॉर्डर से राजपुरा तक किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। बड़ी संख्या में किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पहुंचे।
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है। सोमवार को किसान संगठनों ने शंभू और खनौरी सीमा पर विश्व व्यापार संगठन (WTO) का पुतला फूंका। डब्ल्यूटीओ का पुतला 20 फुट ऊंचा था। इस दौरान किसानों ने आतिशबाजी भी की। बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं आंदोलन में पहुंचीं। इस दौरान किसानों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद शंभू बॉर्डर से राजपुरा तक किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह भी बताया कि आंदोलन कब तक जारी रहेगा।
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि देश के 13 राज्यों के 70 हजार गांवों में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अर्थी दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। किसानों ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर अर्थी दहन किया। यह आंदोलन पूरे देश में हुआ। देश की हर गली-मोहल्ले में यह आंदोलन पहुंच चुका है।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन एमएसपी गारंटी कानून बनाने तक, देश के किसान-मजदूरों का कर्जा खत्म करने तक, लखीमपुर खीरी का इंसाफ लेने तक, C2- 50 के साथ फसलों के दाम लेने तक, सभी केस वापस लेने तक, बिजली विधेयक वापस लेने तक, प्रदूषण से खेती को बाहर निकालने तक, मजदूरों को 200 दिन मनरेगा और 700 रुपये दिहाड़ी दिलवाने तक और डब्ल्यूटीओ से भारत के बाहर आने तक जारी रहेगा।
किसान नेता सुखजीत सिंह ने क्या कहा कि सुबह डब्ल्यूटीओ के खिलाफ पूरे देश के गांवों में प्रदर्शन हुए और शाम को शंभू और खनौरी दोनों सीमाओं पर पुतले जलाए गए। डब्ल्यूटीओ का यह विरोध बताता है कि हम उनकी नीतियों से सहमत नहीं हैं।
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