तीन कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन का असर हरियाणा में हुए लोकसभा चुनाव में पूरा असर देखा गया था। किसानों के विरोध के चलते भाजपा को यहां दस में से पांच सीटें गंवानी पड़ी हैं। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली कांग्रेस को यहां पांच सीटें मिल गई।
तीन कृषि कानूनों को लेकर मंडी की सांसद कंगना रणौत के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी घिरती हुई नजर आ रही है। खासकर हरियाणा भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि यहां पर अभी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं।
हालांकि, कंगना ने बयान वापस ले लिया है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को लपक लिया है। कांग्रेस के नेता कंगना पर हमलावर हो गए हैं। वहीं, हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन और संगठन सतर्क हो गए हैं। लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों में चुप बैठे किसानों को एक बार फिर से बड़ा मुद्दा मिल गया है। किसान नेताओं ने भी भाजपा नेता कंगना और भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी है।
तीन कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन का असर हरियाणा में हुए लोकसभा चुनाव में पूरा असर देखा गया था। किसानों के विरोध के चलते भाजपा को यहां दस में से पांच सीटें गंवानी पड़ी हैं। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली कांग्रेस को यहां पांच सीटें मिल गई। लोकसभा चुनावों में किसानों ने भाजपा और जजपा नेताओं का विरोध किया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव में किसान संगठन चुप बैठे थे और किसी का खुलकर विरोध नहीं कर रहे थे। हाल ही में कलायत में हुई भाकियू की रैली में भाजपा को वोट नहीं देने का ऐलान जरूर किया गया था। कंगना ने तीन कृषि कानूनों का जिक्र करके एक बार फिर इस मुद्दे को हवा दे दी है।
भाजपा की साजिश, दोबारा माहौल बनाने की कोशिश : मान
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान का कहना है कि यह भाजपा की साजिश है। तीन कृषि कानून सही नहीं थे, इसलिए ही पीएम ने वापस लिए थे, लेकिन भाजपा अब कंगना रणौत के माध्यम से दोबारा इनके लिए माहौल बनाने की साजिश है। किसान कानूनों के खिलाफ पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे।
कंगना का बयान, किसानों के प्रति भाजपा की सोच : श्रीनेत
एआईसीसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा किसानों के प्रति किस प्रकार का रवैया रखती है, कंगना के बयान ने इसे पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है। चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा इस बयान को कंगना की निजी राय बता कर बच नहीं सकती, क्योंकि कंगना पार्टी की कोई ब्लॉक स्तर की कार्यकर्ता नहीं है बल्कि पार्टी के टिकट पर चुनी हुई सांसद हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने एक सोची समझी रणनीति के तहत कंगना से यह बयान दिलवाया है। भाजपा निश्चित तौर पर तीनों काले कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने का इरादा रखती है।