केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस कैंटोनमेंट में बिजली की सप्लाई का काम देखती है। यह बिजली पंजाब सरकार से खरीदती है और केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आने के चलते बिजली बिल पर राज्य सरकार कर नहीं लगा सकती है।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार बिजली का बिल वसूलते हुए केंद्र सरकार से उस पर टैक्स नहीं वसूल सकती। हाईकोर्ट ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस से वसूले टैक्स के 4.5 लाख रुपये लौटाने का आदेश जारी करते हुए यह टिप्पणी की है।
याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस कंटोनमेंट में बिजली की सप्लाई का काम देखती है। यह बिजली पंजाब सरकार से खरीदती है और केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आने के चलते बिजली बिल पर राज्य सरकार कर नहीं लगा सकती है। इसके बावजूद 2007 में उनसे कर के रूप में 4.5 लाख वसूल किए गए हैं। याची ने हाईकोर्ट से अपील की है कि जो राशि कर के रूप में वसूल की गई है उसे वापस दिलाया जाए।
हाईकोर्ट ने 2007 में दाखिल इस याचिका का अब 17 साल बाद निपटारा करते हुए यह माना कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को बिजली देते हुए इस पर टैक्स नहीं वसूल सकती। यहां तक कि राज्य सरकार अन्य विभागों को बिजली देते हुए उस पर टैक्स नहीं लगा सकती। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि टैक्स की राशि केंद्र सरकार को लौटाई जाए।