चंडीगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी ने बीते दिनों जारी किए घोषणा पत्र में चंडीगढ़ को सिटी स्टेट बनाने का दावा किया है। इसके बाद पंजाब में सियासत गरमा गई है। पंजाब के नेताओं ने इस मामले में तिवारी के साथ कांग्रेस को भी घेरा है।
पंजाब में आखिरी चरण के चुनाव मे 11 दिन बाकी हैं। चुनाव के नजदीक आते ही पंजाब और चंडीगढ़ में इसका असर दिखने लगा है। पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को इस दर्जे से अलग कर सिटी स्टेट बनाने के फैसले पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है।
जाखड़ बोले-पंजाब का है चंडीगढ़
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने तिवारी के इस दावे पर दो टूक में कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है। कांग्रेस में नीति बनाने और निर्णय लेने में कोई सामंजस्य या एकजुटता नहीं है। कांग्रेस ने अपनी नीतियों को अंबिका सोनी, सैम पित्रोदा और अन्य लोगों को आउटसोर्स कर दिया है, जो पंजाब समेत अन्य जगहों पर जमीनी हकीकत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।
जाखड़ ने कहा चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की कांग्रेस की कोशिश का भाजपा की ओर से हर संभव विरोध किया जाएगा। इस मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी पंजाब के हकों को छीनने वाली बात पर अपनी राय देनी चाहिए, ताकि लोग किसी तरह की दुविधा में न रहे और मतदान करने से पहले अपनी एक राय बना सकें। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी एक तरह से चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर किया है।
मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में पंजाब की एक नई अलग विधानसभा बनाने की बात की थी, जबकि चंडीगढ़ में पहले से ही एक विधानसभा मौजूद है। इस मामले पर कांग्रेस और आप दोनों का रुख अलग-अलग है, जबकि चंडीगढ़ में गठबंधन के तौर पर दोनों पार्टियां साथ मिलकर लड़ रही हैं।
कांग्रेस ने पंजाब की पीठ में छुरा मारा: मजीठिया
शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपने एक्स पर पोस्ट करते हुए चंडीगढ़ को सिटी स्टेट बनाने के तिवारी के दावे पर कहा कि यह एक प्रकार से पंजाब की पीठ पर छुरा मारने के बराबर है। चंडीगढ़ को अलग शहर का दर्जा दिलाने की बात की जा रही है। इस पर मजीठिया ने पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और कांग्रेस के अन्य नेताओं से जवाब मांगा है।
शिअद ही पंजाब के हितों को बचा सकती है: सुखबीर
दिल्ली के तर्ज पर चंडीगढ़ को अलग राज्य के दर्जे को लेकर शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने अपने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ के संयुक्त घोषणा पत्र में यूटी को अलग स्टेट बनाने का दावा किया गया है। यह दावा दोनों राजनीतिक दलों की मंशा को दिखाता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ही केवल पंजाब के हितों को बचा सकती है।