लोक सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को केंद्र सरकार और उनकी योजनाओं पर हमला बोला. खड़गे ने इस दौरान स्वच्छ भारत अभियान, आधार कार्ड की अनिवार्यता, विकास दर समेत कई मामलों पर सरकार को घेरा. उनके भाषण की प्रमुख बातें ये रहीं-
अंबेडकर और दीनदयाल एक साथ कैसे?
सरकार कैसे अंबेडकर और दीनदयाल उपाध्याय दोनों के कदमों पर चल सकती है. दीन दयाल उपाध्याय सनातन धर्म के पैरोकार हैं और मनुस्मृति पर चलते हैं. बाबा साहेब संविधान रचयिता हैं, वे इन चीजों के विरोधी हैं. दोनों का मेल नहीं हो सकता, क्योंकि दोनों के विचार अलग-अलग हैं. पीएम कैसे समन्वय करेंगे, वे हर जगह दोनों का नाम लेते हैं.
स्वच्छ भारत भी रहा अधूरा
स्वच्छ भारत का काफी प्रचार किया जा रहा है. 1 लाख 96 हजार करोड़ रुपये खर्च करने थे. 5 करोड़ 60 हजार टॉयलेट बनाने थे, लेकिन अब तक तीन करोड़ पचास लाख ही बन पाए.
आधार से डराना चाहते हैं लोगों को
सब्सिडी सही जगह पहुंचे, इसलिए हम आधार लाए थे लेकिन आज तो निजी अकाउंट, फोन नंबर सब से आधार को जोड़ा जा रहा है. पांच सौ रुपये में कोई भी इस जानकारी तक पहुंच सकता है क्या ये उचित है? आपकी नीयत अलग है. आप सबकी जानकारी लेकर सबको ब्लैकमेल करना चाहते हैं, डराना चाहते हैं, सबको कंट्रोल में रखना चाहते हैं.
नोटबंदी ने विकास दर गिरा दी
यूपीए सरकार में सबसे ऊंची विकास दर 9.1 फीसदी थी आज एनडीए सरकार में नोटबंदी की वजह से और दूसरी चीजों की वजह से यह गिरकर 5.6 तक पहुंच गई है और फिलहाल 6.3 तक सुधरी है.
अच्छे दिन कब आएंगे?
सरकार को छह लाख करोड़ रुपये का फायदा पेट्रोल-डीजल की बिक्री से हुआ लेकिन वो कहां खर्च हो रहा है, ये नहीं बताया गया. बार-बार अच्छे दिन की वकालत करते हैं लेकिन वो कब आएंगे? प्रधानमंत्री का नारा बन गया है, ‘मैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन अपने दोस्तों को जरूर खिलाऊंगा.’
महिला आरक्षण पर हम साथ हैं
सिर्फ बातों से पेट नहीं भरता, काम करना पड़ता है. महिलाओं के लिए कुछ करना है तो आरक्षण बिल पास करवाइए. स्पीकर मैडम आप लीड लेकर इसे पास करवाइए, हम आपके पीछे हैं. एससी-एसटी का प्रमोशन और न्यायिक आयोग पर काम कीजिए.
निवेशक आएंगे तो कहेंगे नॉवेज खाने पर मार देते हैं
दावोस में पीएम मोदी ने बहुत शानदार तकरीर दी, लेकिन निवेश के लिए जो लोग आएंगे उनको क्या कहेंगे कि यहां गोरक्षा वाले नॉनवेज खाने वालों को मार रहे हैं.