पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर प्रतिबंध के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं जारी हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्र सरकार के इस फैसला का समर्थन किया है। साथ ही दावा किया है कि संगठन राज्य में कुछ बड़ी घटना की योजना बना रहा था। केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से बुधवार को पीएफआई और सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिए बैन कर दिया था।

बुधवार को नाशिक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिंदे ने कहा कि संगठन के सदस्य पुणे में भी शांति भंग करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी मंसूबों को नाकाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया। छापामार कार्रवाई के दौरान महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘पीएफआई और उससे जुड़े संगठन गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए थे। हाल ही में संगठन टेरर फंडिंग, हत्याओं, संविधान के अपमान, सांप्रदायिक सद्भावना और देश की एकता को बिगाड़ने में सक्रिय हो गया था। यह भी सामने आया था कि संगठन महाराष्ट्र में भी कोई गंभीर योजना तैयार कर रहा था।’
मनसे ने बांटे लड्डू
राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने पीएफआई पर प्रतिबंध का जश्न मनाया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े। 6 दिनों के अंतराल में दो बार हुई छापामार कार्रवाई में 13 राज्यों से सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
गृहमंत्राल के अनुसार, ‘पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों को गंभीर अपराधों में लिप्त पाया गया है जिनमें आतंकवाद और उसका वित्तपोषण, नृशंस हत्याएं, देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना आदि शामिल हैं जो कि देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं।’
इनपर भी लगा प्रतिबंध
सरकार ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के अंतर्गत ‘विधिविरुद्ध संगठन’ घोषित कर दिया है जिनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल शामिल हैं।