हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पोलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम वाली महिलाओं को डायबिटीज का खतरा है. उन्होंने ये भी देखा कि पीसीओएस के साथ इंसुलिन प्रतिरोध का मजबूत संबंध है. डायबिटीज और पीसीओएस के बीच संबंध का मूल्यांकन करनेवाली तेलंगाना में ये पहली रिसर्च है. रिसर्च के नतीजे गायनेकोलॉजी एंड वुमेन्स हेल्थ नामक पत्रिका के ताजा संस्करण में प्रकाशित हुए हैं.
पीसीओएस डायबिटीज के लिए खतरा
शोधकर्ताओं का कहना है कि कई सारे पीसीओएस के मामलों में डायबिटीज के पारिवारिक इतिहास का पता चला है. डायबिटीज को पीसीओएस से पीड़ित 30-40 वर्ष की महिलाओं में पाया गया. रिसर्च पीसीओएस से पीड़ित तुलनात्मक रूप से युवा आबादी पर किया गया था, और अधिकतर का बॉडी मास इंडेक्स कम था. शादान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग प्रमुख डॉक्टर रोया रोजाटी ने कहा, “हाइपरइन्सुलिनमिया और प्री डायबिटीज के साथ पीसीओएस के मजबूत संबंध की जानकारी हमारी रिसर्च से मिलती है.” हाइपरइन्सुलिनमिया एक ऐसी स्थिति है जहां ब्लड में इंसुलिन की मात्रा सामान्य से अधिक होती है.
तेलंगाना में रिसर्च से हुआ बड़ा खुलासा
ग्लूकोज इनटॉलरेंस और इंसुलिन प्रतिरोध पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के बीच सामान्य समस्या है. इसका संबंध आम आबादी में टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ता है. पारिवारिक बैकग्राउंड वालों को जल्द और शुरू में ही जीवनशैली में बदलाव करने चाहिए.” रिसर्च से कुल 35 फीसद मरीजों में ग्लूकोज इनटॉलरेंस की विषमता का खुलासा हुआ और 10 फीसद मरीजों में ये नियंत्रित मिला. इससे स्पष्ट पता चलता है कि इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 डायबिटीज और पीसीओएस दोनों के पैथोफिजियोलॉजी में बहुत मजबूत भूमिका रखता है. पोलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोन से जुड़ी समस्या है जिसमें महिलाओं शरीर में सामान्य की तुलना में बहुत अधिक हार्मोन्स का निर्माण होता है. इंसुलिन प्रतिरोध और हाइपरिन्सुलिनमिया दोनों ही प्रीडायबिटीज के बढ़ने और टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं.