नई दिल्‍ली, अगर आप Payment Bank के जरिए राइट इश्‍यू में पैसा लगाना चाहते हैं तो अब ऐसा हो पाएगा। क्‍योंकि पूंजी बाजार नियामक Sebi ने भुगतान बैंकों को निवेश बैंकर (Investment Banker) के रूप में काम करने की इजाजत दे दी। इस पहल का मकसद भुगतान के सभी जरियों का उपयोग कर निवेशकों के लिए सार्वजनिक और राइट्स इश्यू (Public and Rights Issue) में भागीदारी को आसान बनाना है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने एक सर्कुलर में कहा कि जिन गैर-अनुसूचित भुगतान बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पहले से इजाजत है, वे इश्‍यू के लिए बैंकर (Banker to issue-BTI) के रूप में काम करने के लिए पात्र होंगे।

बैंक सिंडिकेट के रूप में काम करने की इजाजत

यह BTI नियमों में निर्धारित शर्तों के पूरा करने पर निर्भर है। साथ ही BTI के रूप में रजिस्‍टर्ड Payment Banks को भी स्वप्रमाणित बैंक सिंडिकेट के रूप में काम करने की इजाजत होगी। यह सेबी द्वारा इस संदर्भ में निर्धारित मानदंडों पर निर्भर करेगा।

बचत खाते में जमा रकम

Sebi ने कहा कि निवेशकों से निर्गमकर्ता के लिये जो भी रकम ब्लॉक की जाएगी या भेजी जाएगी, वह निवेशक के भुगतान बैंक के बचत खाते में जमा रकम से होनी चाहिए।

BTI नियमों में संशोधन

Sebi ने 30 जुलाई को जारी अधिसूचना में BTI नियमों में संशोधन किया। इसके जरिये अन्य बैंक इकाइयों को निर्गम के लिये बैंकर गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत दी गई है। इन बैंकिंग इकाइयों में वे कंपनियां शामिल होंगी, जिन्हें सेबी ने समय-समय पर बताया है।