भारत के विरोध पर टिकी पाक की रोजी-रोटी: फिरदौस आशिक

भारत के विरोध पर टिकी पाक की रोजी-रोटी: फिरदौस आशिक

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में नेताओं की राजनीति भारत विरोध पर टिकी हुई है. ये बात खुद इमरान खान सरकार की मंत्री ने कबूल की है. इमरान खान के करीबियों में शुमार फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि पाकिस्तान में एंटी इंडिया सेंटीमेंट का चूरन सबसे ज्यादा बिकता है. भारत का विरोध करना ही हमारी रोजी-रोटी है. इसलिए सभी राजनेता इस मुद्दे को सबसे ज्यादा उछालते हैं.

पाकिस्तानी पंजाब सूबे की सूचना और संस्कृति मामलों की स्पेशल असिस्टेंट फिरदौस आशिक अवान ने पाकिस्तानी मीडिया के साथ बातचीत में ये बातें कही. प्रोग्राम में एंकर ने उनसे पूछा कि हमने क्या गद्दारी, भारत, मोदी जैसे मुद्दों का हर जुमले में इस्तेमाल करना बहुत आम नहीं कर दिया है? इसके जवाब में फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि हमारे अवाम के जो एंटी इंडिया सेंटीमेंट्स हैं, वो चूरन सबसे ज्यादा बिकता है. जो सबसे ज्यादा बिकता हो लोग उसी को सबसे ज्यादा बेचते भी हैं. यह केवल सरकार ही नहीं, बल्कि सभी लोग कर रहे हैं.’ विपक्ष ने तो ऐसे-ऐसे मसाले बेचे हैं जो मोदी के लिए मजेदार और लजीज हैं.

फिरदौस ने पीटीआई की सरकार से पहले इमरान खान के मूवमेंट फॉर चेंज अभियान में भी सक्रिय भागीदारी की थी. इसी दौरान इमरान खान ने इस्लामाबाद का करीब महीने भर घेराव किया था. वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. अप्रैल 2019 में इमरान खान ने अपनी सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय में स्पेशल असिस्टेंट का पद दिया था.

इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारत की सेना पर कई झूठे आरोप भी लगाए. इमरान के विरोध में उस समय यूएनजीए के कॉन्फ्रेंस हॉल में मौजूद भारतीय राजनयिक ने वॉकआउट किया.

इमरान ने अलापा कश्मीर राग-

इमरान ने अपने भाषण के दौरान कश्मीर का राग भी अलापा. उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है और वहां के लोगों के मानवाधिकार का हनन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को अपने रिज्योलूशन के तहत इसका हल निकालना चाहिए. उन्होंने अनुच्छेद 370 के खात्मे का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कश्मीरी लोगों के अधिकारों को खत्म किया गया है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com