चीन टूडे ने अपने रिपोर्ट में 2 चीनी नागरिकों के अगवा करने के बाद मारे जाने पर गंभीर चिंता जताई है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुइंग ने कहा की ‘हमने उचित रिपोर्टों को देखा है और इस मामले को हम गंभीरता से ले रहे हैं. हम पिछले दिनों अगवा किए गए दोनों नागरिकों को बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे थें.’ उन्होंने कहा की ‘चीनी पक्ष इस किडनैपिंग की घटना का घोर विरोध करती है, साथ ही आतंकवाद और इस तरह की अहिंसा के भी हम विरोधी हैं.’
ISIS ने ली है हमले की जिम्मेदारी
हुआ का यह बयान अमाक न्यूज एजेंसी के रिपोर्टों के बाद आया है. बता दें की अमाक न्यूज एजेंसी ISIS से जुड़ा है. जिसमें ISI ने दोनों चीनी नागरिकों को अगवा करके मारने की बात को कबूली है. एक युवा जोड़े को पिछले महिने ही अगवा कर लिया गया था. दोनों शहर में चीनी भाषा पढ़ाते थें. हालांकि एक और चीनी नागरिक इस दौरान अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब रहा था. इस दौरान किडनैपिंग रोकने का प्रयास करने वाला एक व्यक्ति मारा भी गया था.
CPEC प्रोजेक्ट से जुड़ा है मामला
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की उपस्थिति करीब 3 लाख करोड़ की लागत से बनने वाले चीन-पाकिस्तान इकॉनामिक कौरिडोर (CPEC) को लेकर है. प्लान के अनुसार हजारों चीनी कर्मी इस प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान आने वाले हैं. बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को एक बड़ा व्यापार स्थल के रुप में विकसित करने के लिए भी चीनी वहां पहूंच रहे हैं.
पाकिस्तानीयों पर हो रहे हमले का है जबाव
CPEC से जुड़े पाकिस्तानी नागरिकों भी मारे गए हैं. 2014 से 2016 के बीच 2 सालों में इस प्रोजेक्ट से जुड़े 44 पाकिस्तानी नागरिक मारे जा चुके हैं. पिछले महिने भी ग्वादर बंदरगाह के पास 10 मजदूरों को गोली मार दी गई थी. चीनी नागरिकों की मौजूदगी को पाकिस्तान में लोगों ने औपनिवेशिक नीति से तुलना की है.
पाकिस्तानी आर्मी ने इसी सप्ताह ISIS और लश्कर-इ-जांगवी के 12 आतंकवादियों को एक ऑपरेशन में मारे जाने की बात कही थी.
चीन ने पाकिस्तान को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए और कारगर कदम उठाने को कहा है. चीन की चेतावनी के बाद तो यह मामला और बिगड़ सकता है. चीन अपने किसी नागरिक की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगा और अगर कार्रवाई करता है तो पाकिस्तान में विरोध और तेज होगा. जिससे CPEC प्रोजेक्ट पर भी खतरा हो सकता है. पाकिस्तान में हमले रोक पाना वैसे भी असंभव है.