तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना में शामिल हो गए हैं। इस तरह इससे जुड़ने वाले कुल राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 28 हो गई है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।योजना के तहत कोई भी योग्य लाभार्थी एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न खरीद सकता है।
बयान के मुताबिक योजना में शामिल होने के लिए दोनों राज्यों ने आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) सॉफ्टवेयर का अपग्रेडेशन और सेंट्रल इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आइएम-पीडीएस) के साथ एकीकरण शामिल है।
योजना से जुड़ चुके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, नगालैंड, उत्तराखंड, लक्षद्वीप, लद्दाख, दादरा-नगर हवेली-दमन व दीव शामिल हैं।
पांच राज्यों को मिली अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत देश के पांच राज्यों को केंद्र सरकार ने 9913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत दी है। ये पांच राज्य बाजार से यह कर्ज ले सकेंगे। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा और त्रिपुरा शामिल है। इनमें आंध्र प्रदेश को 2,525 करोड़ का कर्ज लेने की इजाजत मिली है तो तेलंगाना 2508 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकेगा। इसके साथ कर्नाटक 4509, गोवा 223 करोड़ रुपये और त्रिपुरा 148 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकेगा।
कोरोना महामारी से से जूझते राज्यों को आर्थिक मोर्चे पर मदद के लिए केंद्र ने उन्हें बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के सामने चार शर्तें रखी हैं। इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही कर्ज दिया जाएगा।