Nirbhaya Case के चारों दोषयों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर SC में होगी सुनवाई

2012 Delhi Nirbhaya Case : निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार दोपहर केंद्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने पिछले सुनवाई में (7 फरवरी) निर्भया के चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को अलग-अलग फांसी देने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट का एक हफ्ता का दिया हुआ समय 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है, ऐसे में 11 फरवरो को मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी दोषियों से अपने सभी कानूनी विकल्पों को एक सप्ताह के भीतर इस्तेमाल करने के लिए कहा था।

जानिए अहम बातें

  • पिछली सुनवाई में केंद्र सरकारी की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि देश के लोगों का धैर्य आजमाया जा रहा है। उन्होंने तर्कों के साथ कहा कि क्या उस समय प्रशासन को सभी दोियों के विकल्प खत्म होने के लिए कहा जा सकता है जब दोषी पवन ने 2018 में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद कोई याचिका ही दाखिल नहीं की है।
  • इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार की उस याचिका का खारिज कर दिया, जिसमें चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अपील की गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर सुनवाई की अपील की है।
  • हाई कोर्ट ने Delhi prison Manual का हवाला देते हुए कहा था कि सभी दोषियों को एकसाथ फांसी दी जाएगी, न कि अलग-अलग। नियमानुसार एक ही अपराध में सभी दोषियों को एकसाथ ही फांसी देने का प्रावधान है।
  • केंद्र सरकार निर्भया के चारों दोषयों को फांसी देने के लिए तर्क दे रही है कि वह अपने सभी कानूनी और संवैधानिक उपायों का प्रयोग कर चुके हैं।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ राम सिंह (तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी), एक नाबागिग (यह तीन साल की सजा पूरी कर चुका है), मुकेश सिंह, अक्षय सिंह, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता ने दरिंदगी की थी। सभी छह अपराधियों ने निर्भया के साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया, बल्कि उसे इस कदर शारीरिक प्रताड़ना दी कि उसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चारों दोषियों (पवन, विनय, अक्षय और मुकेश) को फांसी की सजा सुना चुका है।

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