वैसे तो अंतरिक्षयात्रियों को लेकर चांद पर जाने का सपना आर्टेमिस के जरिए 2024 में पूरा होगा लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। फ्लोरिडा में नासा इसके लिए जोर-शोर से जुट गया है। दरअसल अगले साल इस मिशन की शुरुआत की जाएगी।
वाशिंगटन। अगले साल लांच होने वाले आर्टेमिस I (Artemis) की तैयारी शुरू हो गई है। इस क्रम में नासा (NASA) ने मोबाइल लॉन्चर पर स्पेस लॉन्च सिस्टम का पहला टुकड़ा रख दिया है। Artemis I बगैर क्रू वाली उड़ान होगी जो SLS रॉकेट व ओरियोन स्पेसक्राफ्ट को चांद तक ले जाएगी। 19 नवंबर को यह ढेर लगाने का काम ( Stacking operations) शुरू हुआ।
सॉलिड रॉकेट बूस्टर SLS रॉकेट का पहला कंपोनेंट है जिसे एकत्र किया जाना है और यह बचे हुए रॉकेट के टुकड़ों व ओरियोन स्पेसक्राफ्ट (Orion spacecraft) को समर्थन देगा। अगले कुछ सप्ताह में वर्करों को क्रेन का इस्तेमाल करना होगा जो 325 टन का वजन उठा सके ताकि यह 380 फीट लंबे मोबाइल लॉन्चर पर एक एक कर सावधानीपूर्वक बचे हुए टुकड़ों को रख सके।
आर्टेमिस II पर ओरियोन (Orion) अंतरिक्षयात्रियों को लेकर चांद के पास जाएगा और उन्हें वापस भी लाएगा। इसके बाद 2024 में आर्टेमिस III पहली महिला और दूसरे पुरुष अंतरिक्षयात्री को चांद की सतह पर उतारेगा। इस मिशन के जरिए चांद की सतहों पर खोज और टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया जाना है। चंद्रमा की सतह पर गहराई से खोज के लिए भेजे गए SLS और ओरियोन NASA के लिए काफी अहम हैं।
बता दें कि ओरियन अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के चारों ओर रहने और काम करने में सक्षम होंगे साथ ही चंद्रमा की सतह पर अभियान करने में भी सक्षम होंगे। ओरियन अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक छोटा सा यान है।
बता दें कि आर्टेमिस मिशन में सहयोग के लिए नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक करार भी हुआ है। इसके तहत अमेरिका द्वारा चंद्रमा पर व्यापक खोज के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को शामिल करने का मुद्दा अहम है। इसके अलावा भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव मिशन के लिए भी आवश्यक है। प्रत्येक बूस्टर की माप फुटबॉल के मैदान की आधी लंबाई के बराबर है और असेंबलिंग के बाद ये एक साथ कई जंबो कॉमर्शियल एयरलाइन के बराबर होंगे।