भोपाल। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक गांव में पाइपलाइन द्वारा जलापूर्ति के लिये नलजल प्रदाय योजनाएं बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन नलजल योजनाओं का संचालन-संधारण ग्राम स्तर पर समुदाय की भागीदारी के साथ ग्राम/ग्राम पंचायत के अंतर्गत गठित की गयी ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा किया जायेगा। संधारण कार्यों के लिए स्थानीय ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की अवधारणा में तकनीकी दक्षता में प्रशिक्षण उपरांत तैयार कुशल मानव संसाधन को रोजगार के पर्याप्त एवं बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इस प्रकार की गतिविधियों से जल आपूर्ति प्रणालियों का दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्यित करते हुए समुदायों के बीच जिम्मेदारी और उत्तरदायी नेतृत्व विकसित करने में मदद मिलेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा तकनीकी कौशल प्रशिक्षण के लिये प्रत्येक ग्राम से चयनित किये गये उपयुक्त व्यक्तियों को मोटरपंप-रिपेयरिंग, प्लम्बर, पम्प-ऑपरेटर, मेसन (राज मिस्त्री), फिटर एवं इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में लगभग 50 हजार व्यक्तियों को मध्यप्रदेश राज्य कौशल एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) के माध्यम से ऑफलाइन प्रशिक्षण दिलाये जाने का प्रस्ताव निष्पादित किया गया है।
प्रशिक्षण व्यय जल जीवन मिशन के अंतर्गत “सपोर्ट एक्टिविटी मद” में भारित किया जायेगा, जिसमें केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 60:40 होगा। इस योजना की लागत 17.12 करोड़ रूपये है। प्रत्येक प्रशिक्षण-सत्र की अवधि तीन दिवस होगी। प्रशिक्षण-सत्र के उपरांत चौथे दिवस में प्रशिक्षणार्थियों का मूल्यांकन किया जायेगा तथा उन्हें प्रमाण-पत्र वितरित किये जायेंगे।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक गांव में हर घर को नल से जल की सुविधा देने का कार्य किया जा रहा है, जो 2023 तक पूरा किया जाना है। प्रत्येक गाँव में पेयजल आधारित अधोसंरचना का निर्माण करने तथा नल योजना पूर्ण होने के बाद उसके रखरखाव एवं मरम्मत कार्य की सुविधा होना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधन/तकनीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्थानीय मानव संसाधन को प्रशिक्षित किये जाने का प्रावधान किया गया है।
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