भोपाल, कांग्रेस के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने छह दिन के विधानसभा सत्र पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल को लिखे पत्र में कहा है कि विधानसभा की एक साल में कम से कम 75 बैठकें होनी चाहिए, पर भाजपा शासनकाल में सत्र में बैठकों की संख्या कम होती जा रही है। इस कारण विधानसभा सदस्य सदन में क्षेत्र की समस्या और प्रदेश के ज्वलंत मुद्दे नहीं उठा पा रहे हैं।

उन्होंने सत्र की अवधि 10 दिन करने का अनुरोध किया है। उधर, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया से चर्चा में भाजपा पर विधानसभा की ताकत को खत्म करने का आरोप लगाया है। सत्र में बैठकों की संख्या बढ़ाने के लिए पटवारी ने भी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकारी कामकाज निपटाने के लिए बैठकों की संख्या सीमित कर रही है। यही कारण है कि तमाम जांच आयोग, लोकायुक्त, विश्वविद्यालय सहित अन्य के प्रतिवेदनों पर आज तक चर्चा नहीं हो पाई है।
डा. गोविंद सिंह ने लिखा है कि नौ से 12 अगस्त तक सत्र बुलाया गया था। शुरू के दो दिन सत्र कुछ घंटे ही चला। इस सत्र के बाद प्रदेश में कई घटनाएं हुई हैं। सरकार की विफलताएं सामने आई हैं। उधर, शनिवार को राजधानी में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि कोरोना और दूसरे कारण गिनाकर विधानसभा सत्र को धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष का भी महत्व तभी है, जब सदन चले।
ऐसे तो अध्यक्ष पद की गरिमा चली जाएगी। कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखना चाहती है। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि चुनाव पुरानी व्यवस्था (परिसीमन) के आधार हो। भाजपा को हार का डर है। कांग्रेस की ओर से पटवारी ने मांग की कि पंचायतों का जैसा आरक्षण हुआ है, शिवराज सरकार उसी आधार पर चुनाव कराए।
मंत्री बिसाहूलाल को बर्खास्त करें मुख्यमंत्री
जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को बिसाहूलाल को बर्खास्त करना चाहिए, कांग्रेस बिसाहूलाल के इस्तीफे की मांग कर रही है। उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को लेकर कहा कि भाजपा में एक वर्ग शिवराज सिंह चौहान को हटाना चाहता है, उनके खिलाफ मुहिम चला रहा है।
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