फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा ने राजनीतिक विज्ञापनों जेनरेटिव एआई से बनी प्रचार सामग्री के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। मेटा के मुताबिक, राजनीतिक प्रचार के लिए जेनरेटिव एआई सामग्री का जमकर उपयोग किया जा रहा है, जिससे चुनावों के दौरान भ्रामक और गलत सूचनाएं फैलाना आसान हो जाता है। इस तरह की सामग्री के जरिये फैलाए जाने वाले झूठ को रोकना मुश्किल होता है, लिहाजा राजनीतिक दलों व विज्ञापनदाताओं को एआई आधारित विज्ञापन सामग्री इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मेटा ने अपनी वेबसाइट के हेल्प सेंटर सेक्शन में बताया कि एआई आधारित विज्ञापन सामग्री से ज्यादा जोर ऐसे विज्ञापनों की रोकथाम पर है, जिन्हें कंपनी के तथ्य-जांच भागीदारों की तरफ से खारिज कर दिया गया है। एआई के संभावित जोखिमों को बेहतर ढंग से समझने और विज्ञापनों में जेनरेटिव एआई के उपयोग के लिए उचित नियम व सुरक्षा उपाय करने के लिए फेसबुक पर एक नए जेनरेटिव एआई विज्ञापन निर्माण टूल का परीक्षण किया जा रहा है।
इसके साथ ही मेटा ने बताया कि इसके एआई विज्ञापन टूल की सुविधा आवास, रोजगार, क्रेडिट, सामाजिक मुद्दों, चुनाव, राजनीति, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और वित्तीय सेवाओं से जुड़े विज्ञापन देने वालों के लिए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
भ्रामक प्रचार सामग्री पर सरकारों को चेताया
मेटा के शीर्ष नीति अधिकारी निक क्लेग ने पिछले महीने कहा था कि राजनीतिक विज्ञापन में जेनरेटिव एआई का उपयोग ऐसा क्षेत्र है, जहां नियमों में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने ब्रिटेन में आयोजित एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पहले ही सरकारों और तकनीकी कंपनियों को समान रूप से 2024 में आगामी चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। मेटा पैरोडी व व्यंग्य को छोड़कर सभी सामग्री में भ्रामक एआई-जेनरेटेड वीडियो के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुका है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal