नई दिल्ली। भारत, ईरान और उजबेकिस्तान ने व्यापार के लिहाज से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के संयुक्त उपयोग के तरीकों और क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने पर चर्चा के लिए सोमवार को पहली त्रिपक्षीय बैठक की।भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह बैठक डिजिटल तरीके से आयोजित की गई। यह बैठक पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति एस. मिर्जियोयेव के बीच हुई वार्ता के दौरान किए गए फैसलों के बाद हुई है।
ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह को पश्चिम एशिया से संपर्क के एक प्रमुख केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। भारत, ईरान और अफगानिस्तान इस बंदरगाह को विकसित कर रहे हैं ताकि तीन देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान व्यापार और पारगमन उद्देश्यों और क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह के संयुक्त उपयोग पर चर्चा की गई।
सभी पक्षों ने कोविड महामारी के दौरान मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए चाबहार बंदरगाह द्वारा निभाई गई उल्लेखनीय भूमिका पर भी गौर किया। बयान के अनुसार, सभी पक्षों ने जनवरी, 2021 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय समुद्री शिखर सम्मेलन से इतर चाबहार दिवस आयोजित करने के भारतीय प्रस्ताव का स्वागत किया। भारत के नौवहन सचिव संजीव रंजन, उजबेकिस्तान के परिवहन उपमंत्री डी. देहकानोव और ईरान के उप परिवहन मंत्री शाहराम अदमनिजाद ने त्रिपक्षीय बैठक की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
चाबहार बंदरगाह पहुंचने के लिए नहीं पड़ेगी पाक जाने की जरूरत
चाबहार बंदरगाह पर इन तीनों देशों के सहयोग के बाद अब चाबहार बंदरगाह पहुंचने के लिए भारत को पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस बंदरगाह को विकसित किया जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान ने अपनी सीमा से भारत से ईरान और अफगानिस्तान जाने की अनुमति देने से मना कर दिया है। चाबहार बंदरगाह पहुंचने के लिए भारत को पाकिस्तान की सीमा में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।