Kartarpur Corridor ने खोल दिए सरहद के दोनों तरफ लोगों के दिल

सिखों की ओर से 72 साल से की जा रही अरदास पूरी हो गई और करतारपुर कॉरिडोर खुल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर के पैसेंजर टर्मिनल अर्थात इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का उद्घाटन किया और खालसाई ध्वज दिखाकर पहले जत्थे को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए रवाना किया। पहले जत्थे में करीब पांच सौ श्रद्धालु गए जिसका नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने किया। सीमा पार करतारपुर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर का उद्घाटन किया और जत्थे का स्वागत किया। सीमा पर दोनों तरफ काफी खुशनुमा माहौल था और श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

कॉरिडोर खुला तो जैसे सरहद के दोनों तरफ लोगों के दिल भी खुल गए। जत्थों में शामिल सभी पार्टियों के नुमाइंदे एक दूसरे के साथ गले मिलते, उन्हें बधाइयां देते नहीं थक रहे थे। भारत से पहले जत्थे को करतारपुर साहिब जाने की कितनी जल्दी थी, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पहले ग्रुप के गेट क्रास करने के बाद ही लोगों में जाने की होड़ लग गई। पाकिस्तान पहुंचने पर पाक के रेंजर और पर्यटन विभाग ने उनका बहुत अच्छे ढंग से स्वागत किया।

गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचने पर वहां खर्च करने के लिए सभी श्रद्धालुओं को करंसी बदलने का मौका दिया गया, लेकिन ज्यादातर श्रद्धालुओं ने भारतीय करंसी चढ़ाकर ही माथा टेका। श्रद्धालुओं के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से प्रबंध अच्छे थे। वहां पर पाक से ज्यादा लोग आए हुए थे। गुरुद्वारा साहिब में हर तरफ ‘जो बोले सो निहाल’ के उद्घोष लग रहे थे। गुरुद्वारा साहिब के प्रांगण को बहुत अच्छे तरीके से सजाया गया था और बिछाई गई दरियों पर तकिए भी रखे गए थे, ताकि बुजुर्गों को बैठने में दिक्कत न आए।

जत्थेदार के नेतृत्व से दूर हुई दुविधा

करतारपुर जाने से पहले तक यह राजनीति चल रही थी कि कौन जत्थे का नेतृत्व करेगा, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के जत्थेे को लीड करने से यह दुविधा भी दूर हो गई। यही बात नवजोत सिद्धू के बारे में कही जा सकती है। उन्हें इमरान खान की ओर से न्योता मिला था। लग रहा था कि वह जत्थे का हिस्सा न होकर लाहौर के रास्ते अलग से जाएंगे पर वह भी जत्थे का हिस्सा बने।

पहले कैप्टन, मनमोहन व बादल गए

करतारपुर कॉरिडोर के जरिए जब पहला जत्था रवाना हुआ तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनका परिवार, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व उनकी पत्नी गुरशरण कौर, प्रकाश सिंह बादल व उनका परिवार और उनके सहायक ही गए। इसके बाद सभी को एक-एक करके भेजा गया।

केंद्र सरकार के न्योते पर आए 80 एनआरआइ

केंद्र सरकार ने आज के दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए कनाडा, अमेरिका, इटली, जर्मनी, यूके आदि से एनआरआइ को भी बुलाया था। पहली बार करतारपुर जा रहे इटली के कुलवंत सिंह ने आशा जताई कि कॉरिडोर को खोलने का फैसला दोनों देशों के संबंध सुधारने का सुनहरा मौका हो सकता है।

दर्शन कर लौटने वाले काफी खुश थे

दर्शन कर डेरा बाबा नानक लौटने वाले सभी श्रद्धालु काफी खुश नजर आ रहे थे। उनका कहना था कि आज जीवन धन्य हो गया। श्रद्धालुओं का उत्साह ऐसा था कि डेरा बाबा नानक में कई किलोमीटर तक जाम लग गया, लेकिन नानक नामलेवा संगत को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।

मोदी ने गुरु नानक देव जी के चरणों में समर्पित किया अवार्ड

प्रधानमंत्री मोदी ने कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले आयोजित समारोह में केंद्र सरकार की ओर से श्री गुरु नानक देव जी पर तैयार किए गए 550 रुपये का सिक्का जारी किया। यह 550वें प्रकाश पर्व पर तैयार किया गया है। इससे पहले उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा कौमी सेवा अवार्ड दिया गया जिसे उन्होंने गुरु नानक देव जी के चरणों में समर्पित कर दिया। यह अवार्ड बतौर प्रधानमंत्री सिख पंथ के हित में किए गए कार्यों के लिए दिया गया। अवार्ड से दिए जाने पर पीएम ने कहा कि यह सम्मान देश की महान संत परपंराओं का प्यार, त्याग व तपस्या का प्रसाद है।

कॉरिडोर का उद्घाटन करना मेरा सौभाग्य

समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक प्रकाशोत्सव के अवसर पर देश को करतारपुर कॉरिडोर समर्पित कर रहा हूं, जिसके लिए सिख संगत पिछले 72 सालों से अरदास कर रही है। इस समय मैं वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जिस तरह श्रद्धालु कार सेवा के दौरान अनुभूति प्राप्त करते हैं। उन्होंने पाक के पीएम इमरान खान का कॉरिडोर खोलने के लिए आभार जताया।

जोश में नजर आए सिद्धू

पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी कॉरिडोर के रास्ते शनिवार को पाकिस्तान गए। सीमा पार करतारपुर में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिद्धू का जोरदार स्वागत किया। सिद्धू का वहां पर लोगों ने भी काफी स्वागत किया। अपने भाषण में सिद्धू ने दोनों देशों को सीमा खोल देने की सलाह दी। वे काफी जोश में नजर आए।

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