भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष को निलंबित करना सराहनीय है। इस फैसले का हम ही नहीं पूरा देश स्वागत करता है। अब संघ का नया प्रधान महिला को बनाया जाना चाहिए। यह कहना है ओलंपियन महिला पहलवान साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक का।
अमर उजाला से हुई बातचीत में उन्होंने फेडरेशन भंग करने के खेल मंत्रालय के फैसले की जानकारी साझा करते हुए उनके उठाये कदम को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के नए प्रधान के रूप में किसी महिला खिलाड़ी को लाया जाए। यही नहीं फेडरेशन की नई कार्यकारिणी में महिलाओं को भी जगह दी जाए।
कार्यकारिणी में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 30 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाए। नए प्रधान संजय सिंह की ओर से महिला खिलाड़ियों के अंडर 15 व 20 नेशनल गेम्स आयोजन को गलत ठहराते हुए खेल मंत्रालय ने संघ कार्यकारिणी भंग की है। नए प्रधान के फैसले से खिलाड़ियों व आम लोगों में भी रोष पनप रहा था। अभी इस फैसले को सही साबित करते हुए नए चुनाव निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से कराए जाएं।
कुश्ती फेडरेशन को भंग करने का जींद जिले की खाप पंचायतों ने किया
माजरा खाप पंचायत जींद व सर्वखाप पंचायत मंच जिला जींद ने फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से कुश्ती को बचाया जा सकता है अन्यथा ऐसे बाहुबली प्रधान की प्रधानी में खिलाड़ी खेलों से तौबा ही कर सकते थे।
माजरा खाप पंचायत जींद के प्रेस प्रवक्ता समुद्र सिंह फोर ने कहा कि सरकार ने जो वादा इन खिलाड़ियों से किया है उसे इमानदारी से निभाया जाना चाहिए। इस तरह के प्रधान पीड़ित बेटियों को दबाव डाल कर उन्हें केस जो चल रहें हैं उनसे दूर करने की चेष्ठा कर सकते हैं, क्योंकि ये प्रधान भी पूर्व प्रधान के नजदीकी साथी बताएं जातें हैं।
फोर ने कहा कि समाज व खाप पंचायतें तथा किसान संगठनों की आवाज का परिणाम है। सरकार को इस प्रधान को पद से हटाना पड़ा है। खापों ने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि वो भी खेलों से हटने व मेडल वापसी के फैसले पर पुनर्विचार करें ओर अपने आप को अकेला न समझे। इनके साथ समाज, खाप पंचायतें, किसान संगठन और कुश्ती प्रेमी सब खड़े हैं।